संगठन की और से ट्वीट कर कहा गया कि अलक़ायदा, दाइश या किसी भी आतंकी संगठन से उनका कोई लेना देना नहीं है और हम कदापि नहीं चाहते कि यह आतंकी संगठन राख़ीन के विवाद में हस्तक्षेप करें. पिछले सप्ताह अलक़ायदा ने बयान जारी कर कहा था कि बांग्लादेश, भारत, पाकिस्तान, फ़िलपीन में रहने वाले लड़ाके रोहिंग्या मुसलमानों की मदद के लिए म्यांमार की ओर बढ़ें और अत्याचार से निपटने के लिए प्रशिक्षण और हथियार सहित जो कुछ भी ज़रूरी है वह रोहिंग्या मुसलमानों को उपल्बध कराएं.
बयान में कहा गया था, म्यांमार के रोहिंग्या मुसलमानों को इस समय मदद की ज़रूरत है अतः इस्लामी जगत को चाहिए कि इस ओर ध्यान देना चाहिए. (Kohram News)