तब दिमाग की बत्ती जली
अगर अब भी कौम ओवैसी को स्वीकार नही करती
तो कभी कोई कौम का रहनुमा नही आने वाला
सब सेकुलर के नाम पर बेवकूफ बना रहे है
जुम्मन मियां लोग तो सेकुलर डाँस कर रहे अब कर्नाटक में!
नज़रियाः असदुद्दीन ओवैसी की तरह दूसरा नेता खड़ा करने में सदियां लग जाएंगी ?
बिहार के सबसे पिछड़े इलाक़ो में सीमाँचल की गिनती होती है। सीमाँचल में मुसलमानों की सबसे अधिक आबादी है। किशनगंज मुसलमानों का सबसे घनी आबादी वाला जिला है। यहाँ से एम० जे० अक़बर काँग्रेस से, सय्यद शहाबुद्दीन साहब जनता पार्टी से, तस्लीमुद्दीन साहब राजद से और सय्यद शाहनवाज़ हुसैन भाजपा से सांसद रह चुके है।
पिछले दो कार्यकाल से काँग्रेस के मौलाना असरारुल हक़ क़ासमी किशनगंज से सांसद है। सीमाँचल के ही दूसरे क्षेत्र कटिहार से तारिक़ अनवर सांसद रहे हैं। सीमांचल क्षेत्र से एम० जे० अक़बर, मरहूम तस्लीमुद्दीन साहब, तारिक़ अनवर एवं शाहनवाज साहब केंद्र में मंत्री रह चुके है। लेकिन, संसद में सीमाँचल के लिए कौन लड़ा? आप जानकारी इकट्ठा कीजिए मौलाना असरारुल हक़ क़ासमी ने पूरे कार्यकाल में संसद में सिर्फ़ एक प्रश्न किया है।
संसद के पटल पर रखने का साहस तो किया है। उन्होंने संसद में सीमाँचल को मुद्दा तो बनाया है। आप आज़ाद है बोलने के लिए वह सीमाँचल में अपनी राजनीति चमका रहे है। हाँ, राजनीति चमका रहे है। ओवैसी एक राजनेता है। राजनेता का काम राजनीति करना ही होता है। मंच पर चढ़कर ताली पीटना नहीं। असद ओवैसी की तरह दूसरा खड़ा करने में सदियों लग जाएंगे।
-तारिक़ अनवर चंपारणी
(लेखक समाजिक कार्यकर्ता हैं और ये उनके निजी विचार हैं)