प्राप्त समाचारों के अनुसार मालदीव के विदेश मंत्रालय की ओर से जारी बयान के मुताबिक़ मालदीव ने म्यांमार से रोहिंग्या मुसलमानों पर इस देश की सेना और चरमपंथी बौद्धों द्वारा किए जा रहे अत्याचारों पर विरोध जताते हुए अपने व्यापारिक संबंधों को ख़त्म कर दिया।
रिपोर्ट के अनुसार मालदीव ने व्यपारिक संबंधों को समाप्त करने के साथ ही संयुक्त राष्ट्र में म्यांमार में रोहिंग्या मुसमलानों की दयनीय स्थिति पर नोटिस लेने की भी मांग की है। मालदीव के विदेश मंत्री ने बल देकर कहा कि म्यांमार में रोहिंग्या मुसलमानों के जारी नरसंहार को जल्द रोकना चाहिए।
इस बीच पाकिस्तान में म्यांमार के साथ कूटनीतिक संबंधों को समाप्त करने के लिए इस देश के उच्च न्यायालय में एक याचिका दायर की गई है।
इस्लामाबाद हाई कोर्ट में दायर याचिका में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री, विदेश सचिव, गृह सचिव और रक्षा सचिव को पक्ष बनाया गया है, आवेदन में कहा गया है कि म्यांमार 5 करोड़ आबादी वाला देश है जहां 12 लाख मुसलमान रहते हैं, 25 अगस्त से अबतक चरमपंथी बौद्धों ने सेना के साथ मिलकर हज़ारों मुस्लिम पुरुष, महिलाओं और बच्चों की हत्याएं की हैं। याचिका में कहा गया है कि म्यांमार की सरकार और सेना रोहिंग्या मुसलमानों के नरसंहार में बराबर की भागीदार है। (RZ)