तुर्की सेना म्यानमार के लिए रवाना, एर्दोगान आज यूनो में उठाएंगे आवाज

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म्यांमार के हिंसाग्रस्त क्षेत्रों में रोहिंग्या मुस्लिमों के खिलाफ एक बार फिर से हिंसा शुरू हो चुकी है। म्यांमार सेना और बौद्ध चरमपंथियों की कार्रवाई में अब तक 100 से ज्यादा लोग मारे जा चुके है। रोहिंग्या मुस्लिमों के खिलाफ हिंसा पर तुर्की के बाद ईरान ने कड़ा रुख अपनाया है।

तुर्की ने अपनी सेना भेज कर कड़ी करवाई की है। तुर्की ने कहा अब मुसलमानो पर जुल्म बर्दाश्त नही किया जायेगा। रोहिंग्या मुस्लिमों के खिलाफ हिंसा को लेकर ईरान ने चिंता जताई है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता बहराम क़ासेमी ने कहा कि म्यांमार की सरकार को इस देश के मुसलमानों के अधिकारों के हनन को रोकना चाहिए।

तुर्क विदेश मंत्री मयूलोद चावोश ओगलो ने तुर्की के इंतालिया प्रांत में ईदुल अज़हा के अवसर पर सत्तारूढ़ जस्टिस एंड डेवलपमेंट पार्टी की ओर से आयोजित समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि म्यांमार के राखेन राज्य मे हिंसक दंगों से जान बचाकर विस्थापन करने वाले प्रवासियों के लिए बांग्लादेशी सरकार अपने दरवाजे खोले और खर्च की चिंता न करे शरणार्थियों पर होने वाले खर्च का भुगतान तुर्की करेगा।


तुर्क राष्ट्रपति रजब तैयब एर्दोगान भी रोहिंग्या मुसलमानों के मुद्दे पर इस्लामी जगत के प्रमुख नेताओं के संपर्क में हैं और उनसे इस समस्या के समाधान के प्रयास तेज करने की मांग कर रहे हैं। तुर्क राष्ट्रपति ईदुल अजहा के अवसर पर 13 शासनाध्यक्षों से बात कर चुके हैं और उन्हें राखेन स्थिति से अवगत करा चुके हैं।

उन्होंने म्यांमार की सरकार से कहा कि वह देश में शांतिपूर्ण जीवन व शांति स्थापना के लिए युक्तिपूर्ण और सही नीतियों के साथ क़दम उठाए। ध्यान रहे राखिने में एक बार फिर से म्यांमार सरकार ने सैन्य अभियान शुरू किया है। जिसमे म्यांमार सरकार ने रोहिंग्या मुस्लिमों के खिलाफ खुली छूट दी हुई है। रोहिंग्या मुस्लिमों को देखते ही गोली मारी जा रही है। इसी के साथ बौद्ध चरमपंथियों की भी हिंसा जारी है। हाल ही में संयुक्त राष्ट्र संघ ने कहा था कि रोहिंग्या मुसलमान अत्यंत ख़तरनाक हालात में जीवन बिताने के लिए मजबूर हैं।तुर्क़ी ने अपनी सेना म्यांमार के लिए रवाना कर दी है और सभी इस्लामी देशों से मुसलमानो की मदद के लिए आगे आने को कहा है।

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