किस बात से प्रभावित होकर आपने इस्लाम अपनाया?
मैं बौद्ध परिवार में पैदा हुई। एक साल पहले मैंने दूसरे धर्मों का अध्ययन करने का इरादा किया। मैंने हिंदू, ईसाई और इस्लाम मजहब का तुलनात्मक रूप में अध्ययन किया। विभिन्न धर्मों को समझने और जांचने के दौरान ही मैं कतर और दुबई गई और वहां मैं इस्लामिक सभ्यता से बेहद प्रभावित हुई। इस्लाम की एक बहुत बड़ी खूबी एक ईश्वर को मानना और उसी पर पूरी तरह यकीन करना है। एक ईश्वर को लेकर ऐसा मजबूत यकीन मैंने दूसरे धर्मो में नहीं देखा।
पूरी दुनिया का मीडिया इस्लाम के खिलाफ दुष्प्रचार कर रहा है और इस्लाम को आंतकवाद बढ़ाने वाले धर्म के रूप में पेश कर रहा है। क्या आप मीडिया के इस दुष्प्रचार से प्रभावित नहीं हुई?
सच्चाई यह है कि इस्लाम के खिलाफ मीडिया के दुष्प्रचार के कारण ही मैं इस्लाम को अपना पाई, क्योंकि मैंने अध्ययन के दौरान इस्लाम को मीडिया के दुष्प्रचार के विपरीत एक अच्छा मजहब पाया और अब मैं दावे के साथ कह सकती हूं कि इस्लाम दुनिया का एकमात्र ऐसा मजहब है जो इंसाानियत और शांति को बढ़ावा देता है और इंसाफ की बात करता है।
मेरी निजी जिंदगी के बारे में नेगेटिव छापकर मुझे बदनाम करने के मामले में मैं मीडिया को दोष नहीं देना चाहूंगी क्योंकि यह तो मीडिया ने अपना बिजनेस बना रखा है। दरअसल मेरी तीन बार शादी हुई थी। मेरे पहले पति से मेरे एक बेटा है जो मेरी मां के साथ रहता है। मीडिया ने मेरे से जुड़ी बातों को जिस तरह उछाला उसको लेकर मैं सदमे में थी। लोगों को लगता था कि मशहूर होने के लिए मैं ही ऐसा कुछ कर रही हूं। हकीकत यह है कि इस सबके चलते मैं दुखी थी और खुदकुशी करना चाहती थी। इस बीच मैं अपने दोस्तों के साथ धार्मिक किताबें पढऩे लगी और इसका नतीजा निकला कि मैंने इस्लाम अपना लिया। मैं अब अपने गुजरे वक्त को पूरी तरह भूला देना चाहती हूं क्योंकि अब मैं बेहद खुश हूं और सम्मानजनक जिंदगी गुजार रही हूं।
आप फिल्मी दुनिया से जुड़ी रही हैं और आपसे जुड़े कई स्कैंडल मीडिया में आए हैं। एक बार तो आपने खुदकुशी करने की कोशिश भी की। आप इन मामलों में कुछ बताएंगी?
मेरी निजी जिंदगी के बारे में नेगेटिव छापकर मुझे बदनाम करने के मामले में मैं मीडिया को दोष नहीं देना चाहूंगी क्योंकि यह तो मीडिया ने अपना बिजनेस बना रखा है। दरअसल मेरी तीन बार शादी हुई थी। मेरे पहले पति से मेरे एक बेटा है जो मेरी मां के साथ रहता है। मीडिया ने मेरे से जुड़ी बातों को जिस तरह उछाला उसको लेकर मैं सदमे में थी। लोगों को लगता था कि मशहूर होने के लिए मैं ही ऐसा कुछ कर रही हूं। हकीकत यह है कि इस सबके चलते मैं दुखी थी और खुदकुशी करना चाहती थी। इस बीच मैं अपने दोस्तों के साथ धार्मिक किताबें पढऩे लगी और इसका नतीजा निकला कि मैंने इस्लाम अपना लिया। मैं अब अपने गुजरे वक्त को पूरी तरह भूला देना चाहती हूं क्योंकि अब मैं बेहद खुश हूं और सम्मानजनक जिंदगी गुजार रही हूं।
प्लीज अब आप मुझे पूजा मत कहिए। पूजा मेरा पुराना नाम था और अब तो मैं आमिना फारुकी हूं। दरअसल इस्लाम अपनाने से पहले मैं बहुत दुखी और तनावपूर्ण जिंदगी गुजार रही थी। शराब और सिगरेट ही मेरा सहारा थी। शराब की इतनी आदी थी कि कई बार कुछ होश ही नहीं रहता था। मैं तनावपूर्ण जिंदगी बसर कर रही थी और मेरी जिंदगी में अंधकार ही अंधकार छाया हुआ था। लेकिन इस्लाम ने मुझे इन हालात और बुराइयों से उबारा और अब मैंने शराब और सिगरेट पीना छोड़ दिया है। अब मैं इस्लाम के मुताबिक अपनी जिंदगी गुजार रही हूं।
इस्लाम अपनाने के मामले में आप किनसे प्रेरित हुई?
दरअसल बौद्ध धर्म से जुड़े मेरे कुछ कुछ दोस्तों ने इस्लाम अपना लिया था। उन दोस्तों ने जब मुझे दुखी और परेशान देखा तो उन्होंने मुझे इस्लाम से जुड़ी बातें बताईं। इस्लाम की शिक्षाओं से मुझे अवगत कराया। मैं इस्लाम का अध्ययन करने लगी। एक बार मैंने अपने दोस्त का इस्लाम पर लेक्चर सुना इससे मैं बेहद प्रभावित हुई। इस लेक्चर ने मेरे दिल की गहराइयों को छुआ। अब मुझे किसी शख्स से किसी तरह का कोई डर नहीं रहा सिवाय एक अल्लाह के। और फिर मैंने उसी दिन इस्लाम अपना लिया।
इस्लाम अपनाने पर आपके परिवार वालों की क्या प्रतिक्रिया थी?
इस्लाम अपनाने के बाद मैंने दार्जिलिंग, इंडिया में रहने वाले मेरे परिवार को इस्लाम अपनाने की सूचना दी। मेरी मां ने मेरा पूरी तरह सहयोग किया। मेरे परिवार वाले बोले- तुमने सही रास्ता चुना है और अब तुम खुश हो तो हम भी तुम्हें खुश देखकर खुश हैं। मैं अब पूरी तरह बदल गई हूं और मैंने अपनी सारी बुरी आदतों को छोड़ दिया है। मेरे में आए इन बदलावों को लेकर मेरे परिवार वाले बेहद खुश हैं।
इस्लाम अपनाने के मामले में मीडिया तो यह कर रहा है कि आपको किसी मुस्लिम शख्स से प्यार हो गया और आप उससे शादी कर चुकी है, इसलिए आपने इस्लाम अपनाया है। क्या यह सच है?
यह बेतुकी खबर है। मेरे कुछ मुस्लिम दोस्त हैं। लेकिन इसका यह मतलब कतई नहीं है कि मुझे उनमें से किसी से प्यार हो गया और मैंने उससे शादी करने की वजह से इस्लाम अपनाया। हां यह जरूर है कि इस्लाम अपनाने के बाद भविष्य में अब मैं किसी मुस्लिम शख्स से ही शादी करूंगी। जब भी मैं शादी करने का निश्चय करूंगी, सबको इसकी जानकारी दूंगी।
साक्षात्कार-अब्दुस्सबूर नदवी