Category
Most Popular
-
Skin Care Combo Pack - 6 Natural Powders
₹999.00Original price was: ₹999.00.₹229.00Current price is: ₹229.00. -
Combo of 12 Skin Care Products
₹1,200.00Original price was: ₹1,200.00.₹336.00Current price is: ₹336.00. -
Sandalwood Massage Oil
₹420.00Original price was: ₹420.00.₹282.00Current price is: ₹282.00. -
Pet Shampoo & Oil ₹60.00
-
Health & Medicine
₹710.00Original price was: ₹710.00.₹510.00Current price is: ₹510.00.
नांदेड, नांदेड मनपा चुनाव में भारी जीत का परचम लहराकर देशभर में चर्चा का विषय बनी एमआईएम एकबार फिर चर्चा का विषय बनी हुई है. इस बार यानी 2017 मनपा चुनाव में बुरी तरह हार के लिए चर्चा का विषय बनी हुई है. मनपा चुनाव के दरमियान सय्यद मोईन और उनके कुछ कार्यकर्ताओं पर दीगर पार्टी के मुस्लिम उमेदवार को पिटाई करने का इल्जाम लगा था जिसके लिए मोईन और उनके कार्यकर्ताओं को कुछ दिन जेल में रहना पडा था. खुदको मुसलमानों की हितैषी बताने वाली एमआईएम की छवी इस घटना से खराब हो चुकी और स्थानिको का मानना है की इसी हरकत के वजह से कांग्रेस का भरपूर फायदा हुआ और मुसलमान एमआईएम के स्थानिक कार्यकर्ताओं से नाराज हुए. और आखिर में मन बना लिया के कांग्रेस को ही जिताया जाए. इस बिच चुनाव प्रचार के लिए खुद असदुद्दीन ओवैसी ने जनसंपर्क किया था. जिससे एमआईएम को पिछले चुनाव से ज्यादा सिटे मिलेंगी ऐसा अंदाज निकाला जा रहा था. और असदुद्दीन ओवैसी के जनसंपर्क से एमआईएम के समर्थन में खूब माहौल बना हुआ था. लेकिन दीगर पार्टी के मुस्लिम उमेदवार की पिटाई स्थानिक एमआईएम को महँगी पड़ी जिससे राज्य स्तर पर पार्टी की छवि खराब हुई, और साथ ही जनसंपर्क करने वाले असदुद्दीन ओवैसी की सारी महेनत पर पानी फिर गया.
एमआईएम के प्रदेशाध्यक्ष सय्यद को हटाने या हटने की खबरे हफ्तेभर से सुर्खियाँ बटोर रही है. इस सन्दर्भ में सोशल डायरी के एसडी लाइव24 वेब पोर्टल ने एक जमीनी रिपोर्ट बहुत ही में जारी की थी. जो आज सच होती दिखाई दे रही है. सय्यद मोईन को हटाया जा रहा है या वह खुद हट रहे है यह बात अलग है. लेकिन लोगो में यह यकीं पुख्ता हो गया है की, अब महाराष्ट्र प्रदेशाध्यक्ष पद पर नया चेहरा होगा. और लोग उस नए चहेरे के इन्तेजार में है. स्थानिको समेत मुंबई, पुणे, सोलापुर, औरंगाबाद से लेकर लातूर उस्मानाबाद तक बड़ी सीटियों में यह विषय चर्चा का विषय बना हुआ है.
एमआईएम दलित और मुस्लिम एकता की बात करती है. लेकिन दलित और मुस्लिम के बल पर सरकार बनाना मुश्किल है. दलित मुस्लिम के साथ इन्ही का एक महत्वपूर्ण हिस्सा ओबीसी है जो दलित और मुस्लिम से अलग नहीं है. कई इंटेलेक्चुअल ओबीसीयो की नज़ारे एमआईएम की ओर है लेकिन ऐसा लगता है की, एमआईएम के वरिष्ठो ने इसपर ध्यान नहीं दिया हो या किसी साजिश के तहत ओबीसी की तरफ से एमआईएम का ध्यान हटाया जा रहा हो. लेकिन एमआईएम को दलित मुस्लिम के साथ ओबीसी को भी न्याय दिलाने की बात करनी चाहिए इस तरह की प्रतिक्रया महाराष्ट्र के कई बुद्धिजीवी वर्ग की ओर से आ रही है. और
सोशल डायरी की एक टीम हफ्तेभर से आम जनता की राय लेने में जुटी हुई थी. जिसमे हमारी टीम को एमआईएम प्रदेशाध्यक्ष कैसा होना चाहिए इस बात का संकेत मिला. वह यह है. हमने इस सर्वे में मजदूर, छोटे व्यापारी, बड़े व्यापारी, उच्चशिक्षित मान्यवर, और विभिन्न संगठनो के उच्च पदस्थ मान्यवरो से मुलाक़ात की. सभी ने अपनी प्रतिक्रया में बताया की, “अगर एमआईएम पार्टी हकीकत में तमाम भारतीय नागरिकों को न्याय दिलाना चाहती है तो वह तीसरा विकल्प बनकर उभर सकती है, और हकीकत में दलित, मुस्लिम, ओबिसियों का साथ मिले ऐसी मानसिकता होगी तो किसी आन्दोलन से जुड़े व्यक्ति को महाराष्ट्र के प्रदेशाध्यक्ष पद पर बैठाना चाहिए, जो हमेशा से एससी, एसटी ओबीसी से जुदा हो, ऐसा करने से मुस्लिमो के साथ-साथ दीगर धर्म के लोगो को एमआईएम से जुड़ने और जोड़ने में काफी आसानी होगी, आज के दौर में लोग आन्दोलन के कार्यकर्ता पर पर विशवास कर रहे है, क्यूंकि अक्सर राजनैतिक लोगो ने जनता के साथ विश्वासघात किया हुआ पाया आया है. आन्दोलन के कार्यकर्ताओं में विभिन्न जाती एवं धर्म के लोगो को जोड़ने की सलाहियत के साथ-साथ प्रशिक्षण भी होता है, जो कई साल से विभिन्न जाती-धर्म के लोगो के साथ मिलजुलकर रहने और सामाजिक एकता की बात सिखाता है. वैसे तो महाराष्ट्र के मीडिया में एमआईएम के प्रदेशाध्यक्ष पद के लिए तीन नाम सुर्ख़ियों में है, औरंगाबाद के विधायक इम्तियाज जलील, डॉ. गफार खान, और पूना के अंजुम इनामदार इन तीन नामो को मीडिया उछाल रही है ऐसे में नांदेड और महाराष्ट्र से विरोधी चर्चा भी अपने नेताओं के लिए सुअनाने को मिल रही है. लेकिन आखिर पार्टी अपने अजेंडे के हिसाब से ही प्रदेशाध्यक्ष तय करेगी इस बात का भी कोई इंकार नहीं कर सकता. जैसे ही प्रदेशाध्यक्ष की घोषणा की जायेगी पार्टी का अजेंडा भी लोगो के सामने आयेगा. और लोग इसके इन्तेजार में है. क्यूंकि महाराष्ट्र को तीसरे विकल्प की जरुरत है और आने वाले वक्त में एमआईएम का डिसीजन तीसरा विकल्प बनकर उभरने के लिए निर्भर है. और यह बात भी उतनी ही सत्य है की महाराष्ट्र में ओबीसी के बिना सिर्फ दलित और मुस्लिम मिलकर तीसरा विकल्प नहीं दे सकते.
Written by ancientworld2
Best offers
Join Risk Free
30 days refund
100% Safe
Secure Shopping
24x7 Support
Online 24 hours
Best Offers
Grab Now
Free Shiping
On all order over
Testimonials

Sabina
Duis aute irure dolor in reprehenderit in voluptate velit esse cillum dolore

Rex
Duis aute irure dolor in reprehenderit in voluptate velit esse cillum dolore
Leave a Reply