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इस तस्वीर का इस्तेमाल सांकेतिक तौर पर किया गया है. |
आखिर पकड़ा गया मासूम बच्चों का हत्यारा !
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योगी सरकार को गाली देने वाले गद्दारों, यह योगी सरकार ही है जिसने गोरखपुर में 1978 से ही हो रही बच्चों की मौतों की वज़ह कुछ ही दिनों में खोज निकाली है। अस्पताल में गैस की कोई कमी नहीं थी। किसी की लापरवाही की बात भी फ़िज़ूल है। प्रशासन चुस्त-दुरुस्त और सरकार संवेदनशील है। सारी समस्या की जड़ यह अगस्त का महीना है। हर साल इस महीने में गोरखपुर के बच्चों पर आफत टूटती है। उनचालीस सालों में इस अगस्त ने हज़ारों बच्चों की जान ली है। जोगी जी ने दोषी पर कड़ी कारवाई का भरोसा दिया है तो आश्वस्त रहें, इस कमीने अगस्त को बख्शा नहीं जाएगा। इस साल के बाद देश के कैलेन्डर में अगस्त का नामोनिशान नहीं होगा। अगस्त नहीं होगा तो हमारे बच्चे भी नहीं मरेंगे। इस महीने की राखी हमारे एंटी-रोमियो स्क्वाड वाले जवान कभी भी बंधवा देंगे। अगस्त क्रांति या भारत छोड़ो आंदोलन से हमारी पार्टी का वैसे भी कोई रिश्ता नहीं रहा था। रह गया स्वतंत्रता दिवस तो उसका क्या है, उसे हम राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के स्थापना दिवस के दिन मना लेंगे।
अब बंद कीजिए सरकार पर नाहक दोषारोपण का सिलसिला और मदरसों में वीडियोग्राफी की तैयारियों में लग जाईए ! बन्दे मारते हम .
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योगी सरकार को गाली देने वाले गद्दारों, यह योगी सरकार ही है जिसने गोरखपुर में 1978 से ही हो रही बच्चों की मौतों की वज़ह कुछ ही दिनों में खोज निकाली है। अस्पताल में गैस की कोई कमी नहीं थी। किसी की लापरवाही की बात भी फ़िज़ूल है। प्रशासन चुस्त-दुरुस्त और सरकार संवेदनशील है। सारी समस्या की जड़ यह अगस्त का महीना है। हर साल इस महीने में गोरखपुर के बच्चों पर आफत टूटती है। उनचालीस सालों में इस अगस्त ने हज़ारों बच्चों की जान ली है। जोगी जी ने दोषी पर कड़ी कारवाई का भरोसा दिया है तो आश्वस्त रहें, इस कमीने अगस्त को बख्शा नहीं जाएगा। इस साल के बाद देश के कैलेन्डर में अगस्त का नामोनिशान नहीं होगा। अगस्त नहीं होगा तो हमारे बच्चे भी नहीं मरेंगे। इस महीने की राखी हमारे एंटी-रोमियो स्क्वाड वाले जवान कभी भी बंधवा देंगे। अगस्त क्रांति या भारत छोड़ो आंदोलन से हमारी पार्टी का वैसे भी कोई रिश्ता नहीं रहा था। रह गया स्वतंत्रता दिवस तो उसका क्या है, उसे हम राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के स्थापना दिवस के दिन मना लेंगे।
अब बंद कीजिए सरकार पर नाहक दोषारोपण का सिलसिला और मदरसों में वीडियोग्राफी की तैयारियों में लग जाईए ! बन्दे मारते हम .
ध्रुव गुप्त रिटायर्ड वरिष्ठ पुलिस अधिकारी है, और जानेमाने लेखक भी.
उपरोक्त व्यंग उनके फेसबुक टाइमलाइन से लिया गया हा.
——Dhruv Gupt—-
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