रिहाई आंदोलन के 10 साल पूरे होने पर रिहाई मंच करेगा ‘न्यायिक भ्रष्टाचार और लोकतंत्र’ पर सम्मेलन
वरिष्ठ अधिवक्ता प्रशांत भूषण होंगे मुख्य वक्ता
लखनऊ 12 दिसंबर 2017। रिहाई मंच ने कहा कि 12 दिसंबर 2007 को आजमगढ़ के तारिक कासमी के एसटीएफ द्वारा अपहरण किए जाने के बाद बेगुनाहों की रिहाई के लिए उठने वाली आवाज को आज दस साल हो गए। 12 दिसंबर को आजमगढ़ से तारिक और 16 दिसंबर को खालिद के उठाए जाने के बाद एसटीएफ जैसी विशेष पुलिस बल के खिलाफ आम अवाम सड़क पर उतरी और उसने कहा कि हमारे बेगुनाह बेटों का नार्को टेस्ट कराने वाले अपहरणकर्ता एसटीएफ वालों का भी नार्को टेस्ट कराओ।
रिहाई मंच प्रवक्ता शाहनवाज आलम ने कहा कि पूर्वी यूपी के छोटे से जिले आजमगढ़ से बेगुनाहों की रिहाई के लिए उठी अवाज सच्चे मायने में लोकतंत्र को स्थापित करने वाली आवाज थी। टाडा, पोटा, यूएपीए जैसे गैर लोकतांत्रिक कानूनों जिन पर गोष्ठियों-संगोष्ठियों में बहस होती थी, उसको तारिक-खालिद की रिहाई के लिए उठी अवाज ने संड़क पर लाकर खड़ा कर दिया। इस आंदोलन के दबाव ने जहां तत्कालीन मायवाती सरकार को इनकी फर्जी गिरफ्तारियों पर आरडी निमेष आयोग गठित करने पर मजबूर किया तो वहीं सपा को बेगुनाहों की रिहाई के वादे को चुनावी घोषणा पत्र में शामिल करने पर।
मंच प्रवक्ता ने कहा कि दस साल पहले भी यूपी कोका लाने के लिए तत्कालीन सरकार ने आतंकवाद के नाम पर बेगुनाहों की गिरफ्तारियां करवाईं और जिस साम्प्रदायिक राजनीति ने यह सब रचा आज वह सत्ता में आने के बाद यूपीकोका जैसे दुष्चक्र को फिर से रच रही है। जिसमें बेगुनाह मुसलमान बेमौत मारा जाएगा।
शाहनवाज आलम ने कहा कि रिहाई आंदोलन के दस साल पूरे होने पर 16 दिसम्बर को प्रेस क्लब, लखनऊ में रिहाई मंच ‘न्यायिक भ्रष्टाचार और लोकतंत्र’ विषयक सम्मेलन करेगा। जिसके मुख्य वक्ता प्रख्यात अधिवक्ता और मानवाधिकार कार्यकर्ता प्रशांत भूषण होंगे।