लाखो लोगो ने इस्लाम स्वीकार के 5000 साल के ब्राम्हणवाद को ख़त्म किया, वही खीज निकाली जा रही है -हिमांशु कुमार

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अनेकों कश्मीरी लोगों को पैलेट गन से मारा प्रोफेसर को पीट पीट कर मार डाला मारने वाले भारतीय सैनिक हैं आप कहते हैं कि आप पैलेट गन से कश्मीरियों को इसलिये मार रहे हैं क्योंकि कश्मीरी आपके सैनिकों के ऊपर पत्थर फेंकते हैं

तो इसमे कौन सी नई बात है भारत में हर विरोध प्रदर्शन में पत्थर फेंके जाते हैं. गुजरात में पटेल आन्दोलन में पत्थर फेंके गये. हरियाणा में जाट आन्दोलन में पत्थर फेंके गये. राजस्थान में गूजर आन्दोलन में पत्थर फेंके गये. वहाँ भारतीय सैन्य बलों नें पैलेट गन का प्रयोग नहीं किया. देश में कहीं भी पैलेट गन का प्रयोग नहीं किया गया. इस्राइल तक फिलिस्तीनियों के खिलाफ पैलेट गन का प्रयोग नहीं करता


भारत कश्मीरियों से इतनी नफरत क्यों करता है ? क्या इसलिये क्योंकि कश्मीरी मुसलमान है. तो सोचो आप मुसलमानों को सबक क्यों सिखाना चाहते हैं ? इस नफरत की असल वजह है कि मुसलमानों ने पहली बार ब्राह्मणवाद के मूँह से उसका शिकार छीन लिया. जिन शूद्रों को ब्राह्मणवाद के कारण बड़ी जातियों की गुलामी के लिये मजबूर कर के रखा गया था. इस्लाम के भारत में आते ही बड़ी संख्या में शूद्रो ने इस्लाम की शरण ले ली
सादियों से दमन करने वाली ताकतें अपमान से भर गई. आज तक भारत का ब्राह्मणवाद मुसलमानों से इसीलिये नफरत करता है

इसीलिये बार बार राष्ट्रीय स्वयंसेवक संध घर वापसी की फिराक मे लगा रहता है. लोहिया जी का तो साफ कहना था कि भारत से जैसे ही जातिवाद मिटेगा तुरंत हिन्दु मुस्लिम समस्या भी समाप्त हो जायेगी. ब्राहमणवादी ताकते मुसलमानों से ज़्यादा बौद्धों से नफरत करती थीं. क्योंकि पहले बुद्ध ने इनके चंगुल से करोड़ों लोगों को मुक्त कराया था. इसलिये ब्राह्मणवादियों ने बौद्ध राजाओं और भिक्षुओं की हत्या, बौद्ध मठों को तोड़कर अपने मन्दिर बनाने और बौद्ध ग्रन्थों को नष्ट करने का काम किया था

समस्या कश्मीर नहीं है समस्या आपकी जिद और आपकी नफरत है. नफरत को बीच से हटा कर कश्मीर के बारे मे सोचिये हल निकल सकता है

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