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में सत्ता से बाहर होते ही अब आरजेडी सुप्रीमो लालू यादव की मुश्किलें और बढ़ गई हैं। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने यूपीए सरकार के कार्यकाल के दौरान रेलवे होटलों के आवंटन में हुए भ्रष्टाचार मामले में लालू यादव और उनके परिवार के खिलाफ मामला दर्ज किया है। ईडी अधिकारियों ने बताया कि यह मामला मनी लॉन्ड्रिंग निरोधक कानून (पीएमएलए) के तहत दर्ज किया गया है। केंद्रीय जांच एजेंसी ने इस संबंध में सीबीआई की एफआईआर पर संज्ञान लेते हुए यह कदम उठाया है।
सीबीआई ने इस महीने की शुरुआत में बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और अन्य के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज करते हुए कई ठिकानों पर छापे मारे थे।
अधिकारियों के मुताबिक, ईडी अब आरोपी द्वारा शेल कंपनियों के जरिये की गई गड़बड़ियों की जांच करेगी। जांच एजेंसी ईसीआईआर में लगाए गए आरोपों के लिए लालू की पत्नी और बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी, उनके बेटे तेजस्वी यादव तथा अन्य लोगों से पूछताछ भी करेगी।
ईडी में ईसीआईआर पुलिस की एफआईआर के समान होती है। यह मामला यूपीए सरकार में लालू यादव के रेल मंत्री रहते हुए घोटाले से जुड़ा है।
सीबीआई की एफआईआर में विजय कोचर, विनय कोचर (दोनों सुजाता होटल के निदेशक), डिलाइट मार्केटिंग कंपनी (जिसे अब लारा प्रोजेक्टस के नाम से जाना जाता है) और आईआरसीटीसी के निदेशक पीके गोयल के नाम भी शामिल हैं।
एफआईआर में आरोप लगाया गया है कि लालू ने रेल मंत्री रहते आईआरसीटीसी की उस कंपनी को सौंप दिया जिनसे उन्होंने बतौर रिश्वत पटना में महत्वपूर्ण जगह की जमीन पाई थी। यह जमीन सरला गुप्ता की एक बेनामी कंपनी के जरिये उन्हें दी गई थी।
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