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अयोध्या स्थित बाबरी मस्जिद की शहादत के 25 बरस बाद शिया वक्फ बोर्ड को यादा आया है कि बाबरी मस्जिद पर उनका अधिकार है. जिसके चलते उन्होंने अब शिया वक्फ बोर्ड ने दावा किया कि मस्जिद शिया सेंट्रल वक्फ बोर्ड की संपत्ति है.
अयोध्या स्थित बाबरी मस्जिद की शहादत के 25 बरस बाद शिया वक्फ बोर्ड को यादा आया है कि बाबरी मस्जिद पर उनका अधिकार है. जिसके चलते उन्होंने अब शिया वक्फ बोर्ड ने दावा किया कि मस्जिद शिया सेंट्रल वक्फ बोर्ड की संपत्ति है.
बोर्ड ने दावा किया कि मस्जिद की तामीर कराने वाला बाबर का सेनापति मीर बकी एक शिया था. ऐसे में मीर बकी द्वारा बनवाई गई शिया मस्जिद थी. बोर्ड के अध्यक्ष वसीम रिजवी ने कहा कि मस्जिद के केवल इमाम ही सुन्नी थे, जिन्हें शिया मुतवल्ली पारिश्रमिक देते थे और वहां शिया सुन्नी दोनों ही नमाज पढ़ते थे.
946 में बाबरी मस्जिद मामले में शिया सेंट्रल वक्फ बोर्ड की भूमिका संदिग्ध रही. ऐसा लगता है कि शिया सेंट्रल वक्फ बोर्ड, सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड से मिलकर मुकदमा हार गया. वर्तमान में कोर्ट में चल रहे मुकदमों में शिया वक्फ बोर्ड की तरफ से अपना पक्ष नहीं रखा गया. इसीलिए बोर्ड ने निर्णय किया है कि इस विवाद से जुड़े सभी मुकदमें में शिया वक्फ बोर्ड भी अपना दावा पेश करेगा.
उन्होंने कहा कि इन वर्षों में किसी ने उक्त आदेश की समीक्षा के लिए उच्च न्यायालय या किसी अन्य अदालत में याचिका दायर नहीं की. अब मेरे पास आदेश की प्रति है और मुझे बोर्ड ने जिम्मेदारी दी है कि मस्जिद के स्वामित्व पर दावा पेश किया जाए. हालांकि उच्च न्यायालय अपने आदेश में पहले ही स्पष्ट कर चूका है कि इस विवाद में अब किसी की भी दावेदारी स्वीकार नहीं की जाएगी.
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