आपको बता दें कि बिहार उच्चतम न्यायालय में एक याचिका दायर हुई थी जिसमें बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की विधान परिषद की सदस्यता को रद्द करने की मांग की गयी थी और उस याचिका पर सुनवाई के लिए कोर्ट राजी हो गया है. आपको बता दें कि इस याचिका में कहा गया है कि नीतीश कुमार ने अपने ऊपर चल रहे अपराधिक मामलों की जानकारी को छिपाया है और इसलिए इनकी विधान परिषद् की सदस्यता रद्द की जाये.
31 जुलाई को दायर की गयी इस याचिका में आरोप लगाया है कि जदयू नेता और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के खिलाफ एक आपराधिक मामला है. आपको बता दें कि नीतीश कुमार साल 1991 में हुए ‘बाढ़’ लोकसभा सीट पर उपचुनाव के पहले कांग्रेस नेता सीताराम सिंह की हत्या था चार अन्य लोगों को घायल करने के मामले में आरोपी हैं.