मैं मानव धर्म को मानता हूँ । बहुत हद तक नास्तिकता भी मेरे अंदर है पर मैं अपनी नास्तिकता किसी के ऊपर थोपता नहीं। रमजान के महीने की शुरुआत हो चुकी है। अगले एक महीने तक मुस्लिम समुदाय के लोग रोजे रखेंगे। इस दौरान पांचों वक्त की नमाज के लिए भी लोग मस्जिद में जाते हैं।देख रहा हूँ देश के अधिकांश जी हाँ अधिकांश हिन्दुओं में मुस्लिमों के लिए दिलों दिमाग में गोबर भरा हुआ है। रोजे का मजाक उड़ाया जा रहा है। पड़ोस में रहने वाले अब्दुल ,शाहिद किराना दुकान वाले गफूर ,रहमान ,साथ में काम करने वाले सलीम ,जुबेर से ज्यादा ये लोग आईएस और तालिबान वाले मुस्लिमों को जानते हैं। ये लोग कभी भारतीय मुस्लिमों को जानना ही नहीं चाहते।
कभी किसी दोस्त ने यहाँ लिखा था आप एक भारतीय मुस्लिम से दशहरा त्यौहार ,दीपावली त्यौहार ,होली त्यौहार के बारे में पूछेंगे तो वो सब कुछ बता देंगे ,यहाँ तक की हिन्दुओं के आराध्य भगवान राम के बारे में भी कोई भी मुस्लिम बता देंगे। देश के सभी मुस्लिम सभी हिन्दू देवी देवताओं के बारे में जानकारी रखते है। यहाँ तक की त्योहारों में हिन्दुओं के पूजा में आने वाले सामान भी बेचते हैं। अब आप किसी हिन्दू से पूछिए मुस्लिम त्योहारों इस्लामी नया वर्ष – 1 मुहरम,आशूरा 10 मुहरम ,मीलाद उन-नबी ,शब-ए-मेराज ,शब-ए-बारात,रमज़ान (महीना),शब-ए-क़द्र या लैलतुल क़द्र ,जुमातुल विदा,ईद उल-फ़ित्र,ईद-उल-अज़हा या बक्रीद – ज़ु अल-हज्जा या पैगंबर मोहम्मद,ईमाम हुसैन इसमें से किसी एक के बारे में भी कुछ जानते हैं। असल में आप जानना ही नहीं चाहते। क्योंकि जो गोबर भरा हुआ है आपके दिमाग में आपको दूसरे धर्म के बारे में सोचने को ही नहीं दे रही हैं।
आप मुस्लिमों को बीफ खाने वाले ,चार बीवियां रखने वाले ,अपनी बीवियों को मुंह पर ही तीन तलाक देने वाले ही सोच कर रखे हो। जबकि ऐसा करने वाले लगभग न के बराबर है। इससे ज्यादा ये कुरुतियां तो आपके धर्म में है लेकिन आप अपने धर्म को भला क्यों बुरा बोलेंगे वह तो श्रेष्ठ है। नागा बाबा अश्लीलता नहीं फैलाते ,काली को आप बलि में भैस ,बकरा नहीं चढ़ाते ,घास पर गोमूत्र डालने से वो जल जाती है लेकिन आपके पेट में जाते ही वो गंगा जल से भी पवित्र हो जाता है ,हिन्दू अपनी पत्नियों को सात जन्म से पहले नहीं छोड़ते। आपके दिल और दिमाग में जो गंदगी जो भरी हुई है वो किसी बड़े शहर के बाहर पड़े कूड़े के ढेर से भी ज्यादा है,और इसे साफ भी नहीं किया जा सकता। आप नफरत बांटिए हम मोहब्बत बांटा करेंगे।
Vikram Singh Chauhan जी की वाल से।
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