(विशेष संवादाता, नागपुर) अनुसूचित जातियों पर हो रहे अन्याय और अत्याचार के खिलाफ साल के बारह महीने लड़ने वाली बहुजन मुक्ति पार्टी का राज्य अधिवेशन दि. 03 अगस्त को नागपुर में आयोजित किया गया है. ईद-उल-अजहा होने के कारण इस वक्त मुस्लिम समाज इनको साथ नहीं दे सकेगा. क्यूंकि मुसलमानों को साल में सिर्फ डॉ बार यह ईद का मौक़ा मिलता है.
आपको बता दे की, रोहित वेमुला की हात्या पर भी बहुजन मुक्ति पार्टी ने देशभर में हजारो कार्यक्रम और आन्दोलन किये. और यूपी में प्रधानमंत्री को काले झंडे तक दिखाए गए. (विडियो आप हमारी वेबसाइट, और फेसबुक पेज पर देख सकते है.) उसके बाद सहारनपुर दंगे में जब 2 अनुसूचित लोगो की हात्या हुई उस वक्त बहुजन मुक्ति पार्टी के राष्ट्रिय महासचिव ने तात्काल एक्शन लेते हुए तात्कालीन (ब्राम्हण) राष्ट्रपति से प्रत्येकी 50 लाख रुपये के मुआवजे की मांग की थी, और साथ ही उत्तर प्रदेश में राष्ट्रपती शासन लगाने की मांग की थी. हमेशा की तरह मुस्लिमो ने बहुजन मुक्ति पार्टी तथा उनके विभिन्न विंग का साथ इया और अनुसूचित लोगो की लड़ाई में उनका साथ दिया इस बार नहीं दे सकने पर नाराजगी जाहिर की है. मुस्लिम चाहे ड्राईवर सलीम हो या डॉक्टर कफील हो या बिहार बाढ़ में मदत करने वाले मुस्लिम संगठन, या मुंबई बारिरिश के कहर में सभी धर्मो के लिए मस्जिदों के दरवाजे खोलने वाले मुस्लिम हो. मुसलमान हमेशा भारत के सभी जाती, धर्मो की मदत के लिए सामने आता है. मुसलमान कभी यह नहीं सोचता की मोब लिंचिंग में मारे गए मुसलमानों के लिए किसीने आवाज क्यों नहीं उठाई. बस अपनी इमानदारी से सबके साथ रहता है.
इसी के साथ पार्टी के पदाधिकारियों ने भरी संख्या में उपस्थित होने की अपील की और आज प्रेस कॉन्फरेंस में भी कार्यक्रम की जानकारी दी गयी. जिसमे अनुसूचित जातियों पर हो रहे अत्याचार के साथ मुख्य मुद्दा EVM हटाओ का है.