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रामगढ | झारखण्ड में कथित गौरक्षको की गुंडागर्दी अपने चरम पर है. हाल ही में रामगढ के कारोबारी अलीमुद्दीन , गौरक्षको की गुंडागर्दी का शिकार बने. उन्होंने अलीमुद्दीन की वैन में गौमांस होने का आरोप लगाकर उसे पीट पीटकर मौत के घाट उतार दिया. इस तरह प्रदेश में गौरक्षको की खुले आम गुंडागर्दी ने वहां की कानून व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए है. विपक्षी दलों का आरोप है की इन कथित गौरक्षको को सरकार और कानून का संरक्षण प्राप्त है.
कुछ ऐसा ही मानना है मृतक अलीमुद्दीन की पत्नी मरियम खातून का. उनका कहना है की राज्य में मुसलमानों को निशाना बनाया जा रहा है जिसकी वजह से हम डर के माहौल में जीने को अभिशप्त है. मरियम का कहना है की ये सब हादसे नही है बल्कि कुछ संगठनो द्वारा एक सोची समझी साजिश के तहत की गयी वारदात है. इसमें उन्हें प्रशासन का समर्थन भी शामिल है.
मरियम ने आगे कहा की अगर सरकार हमारी सुरक्षा करने में नाकाम रहती है तो हमें अपने समुदाय को बचाने के लिए कुछ करना होगा. अब भीड़ के न्याय का जवाब भीड़ के जरिये ही दिया जायेगा. जब मरियम यह बात कह रही थी उस समय वहां कई महिला संगठन उनको सांत्वना देने पहुंचे हुए थे. इन महिलाओ ने भी मरियम की बात का समर्थन किया.
एक अन्य महिला आबिदा खातून ने कहा की मुस्लिमो को जान बूझकर निशाना बनाया जा रहा है. आखिर वो हमारी रसोई में क्यों तांक झाँक कर रहे है. हम क्या खाते है, उन्हें इसमें दिलचस्पी क्यों है? हम तो उनकी रसोई में झाँकने नही जाते. उधर 65 रिटायर आईपीएस, आईएस अफसरों ने पीएम मोदी को ख़त लिखकर इन घटनाओ पर रोक लगाने की मांग की है. उन्होंने आरोप लगाया की गौरक्षक राज्य सरकारो के प्रोत्साहन और संरक्षण में काम कर रहे है.
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