सोशल डायरी ब्यूरो
बुरी तरह घायल हुए कई शिवभक्तों की, मुस्लिम लोगों ने अपना खून देकर बचाई जान
रिपोर्ट्स की मानें तो ऐसा कहा जा रहा है कि इस हादसे में मृतकों की और संख्या हो जात, अगर मौके पर इन मुसलमान युवाओं ने इनकी मदद नहीं करते, और तो और कश्मीरियों ने वहां पहुंचकर घायलों को अपना खून भी दिया, जिनके खून से कई शिवभक्तों की जान बचाई गई।
एक हिंदी वेबसाइट से मिली रिपोर्ट्स के अनुसार, घटना में मौजूद लोगों ने घायलों के लिए दवाओं का भी इंतिज़ाम किया जिस मे ग्लूकोज वगेरा शामिल है। और इन लोगों ने हॉस्पिटल पहुंचाने के लिए प्लेन तक ले जाने में मदद की। और जब इन घायलों के लिए एंबुलेंस कम पड़ने लगी तो इन्होंने अपनी अपनी गाड़ी निकाल ली।
यूपी: मुस्लिम छात्रों ने बचाई एक गैर-मुस्लिम की जान
ऐसा ही एक मामला अलीगढ में पेश आया. मैनपुरी जिले के रवि कुमार अलीगढ रेलवे स्टेशन पर बुरी तरह जख्मी हो जाते हैं. इस दौरान एमएयू के कुछ छात्र इलाज के लिए जे एन मेडिकल कॉलेज ले जाते हैं. निरंतर रक्तस्राव होने के कारण घायल रवि को खून की जरुरुत होती हैं. इस दौरान अस्पताल पहुँचाने वालें एमएयू के छात्र मो. फैजान और अब्दुल माजिद निसंकोच होकर रक्तदान कर रवि की जान बचाते हैं. इस दुर्घटना में रवि अपना एक पैर खो देता हैं लेकिन उसकी जान बच जाती हैं. (read more)
मुसलमान भाइयों ने फिर से निभाया अपना फर्ज, बचाई अपने हिंदू भाइयों की जान
August 12, 2017, दरअसल, मसूरी थाना क्षेत्र के एनएच-24 पर गाजियाबाद से गढ़ जा रहे लोहे की
शीट से भरे ट्रक में ब्रेक लगाने से शीट ट्रक का केबिन तोड़कर आगे खिसक गईं।
इससे ट्रक का बैलेंश बिगड़ गया और केबिन में मौजूद ड्राइवर व हेल्पर
गाड़ी में फंस गए। माजरा समझ कर आसपास के मुस्लिम मौके पर पहुंचे।
उन्होंने फौरन दोनों को बाहर निकालकर अस्पताल पहुंचाया। डॉक्टर के
अनुसार अगर समय रहते दोनों को अस्पताल न पहुंचाया जाता तो उनकी जान भी जा
सकती थी। (read more)
शीट से भरे ट्रक में ब्रेक लगाने से शीट ट्रक का केबिन तोड़कर आगे खिसक गईं।
इससे ट्रक का बैलेंश बिगड़ गया और केबिन में मौजूद ड्राइवर व हेल्पर
गाड़ी में फंस गए। माजरा समझ कर आसपास के मुस्लिम मौके पर पहुंचे।
उन्होंने फौरन दोनों को बाहर निकालकर अस्पताल पहुंचाया। डॉक्टर के
अनुसार अगर समय रहते दोनों को अस्पताल न पहुंचाया जाता तो उनकी जान भी जा
सकती थी। (read more)
डॉ. आफताब जिन्होंने बचाई 10 हजार से अधिक गायों की जान
अजमेर। राजस्थान के अजमेर में एक ऐसा मुस्लिम गोसेवक है, जो पिछले 12 साल में केवल 10 हजार से अधिक गायों की जान बचा चुका है, बल्कि दुनिया की पहली मुस्लिम गोशाला खोलने जैसी मुहिम भी शुरू कर चुका है। हम बात कर रहे हैं जोधपुर के पास भुजावर गांव के रहने वाले डॉ. आफताब अहमद की। इन दिनों डॉ. आफताब अजमेर के खरखेड़ी में एक स्वयंसेवी संस्था में गोसेवा में जुटे हैं।
ड्राइवर सलीम शेख की दिलेरी ने बचाई कई श्रध्दालुओं की जान
बस ड्राइवर सलीम के भाई जावेद मिर्जा ने बताया कि उसे रात साढ़े 9 बजे उसके भाई ने फोन कर हमले के बारे में बताया. ड्राइवर के भाई ने कहा कि वह 7 जिंदगियां नहीं बचा सका लेकिन 50 लोगों को एक सुरक्षित स्थान पर लेकर गया. मुझे उस पर गर्व है.सोमवार रात जब अचानक चारों तरफ से गोलियां चलने लगीं तो बस आतंकवादियों और सुरक्षा बलों के बीच फायरिंग में फंस गई थी. आतंकियों का मकसद ज्यादा से ज्यादा लोगों की जान लेना था लेकिन आतंकियों के मंसूबे बस के बहादुर ड्राइवर ने पानी फेर दिया.
हिन्दू दोस्त को बचाने के लिए नौशाद ने ख़ुद के सीने पर खाई गोली, हुई मौत
राम अवतार के पडोसी रामलड़ैते के साथ उनकी पुरानी रंजिश चल रही थी। जिसके कारण राम अवतार को शक था की वह उसकी बेटी की शादी में जरूर कोई खलल डालेगा। बिलकुल ऐसा ही हुआ। जब राम अवतार की बेटी की बारात उनकी दरवाजे पर पहुंची तो रामलड़ैते ने राम अवतार को गोली मार दी।तभी नौशाद ने रामलड़ैते को गोली चलाते हुए देख लिया और राम अवतार को धक्का देकर नीचे गिरा कर बचा दिया। लेकिन वो गोली नौशाद के सीने में जा लगी। जिससे नौशाद की मौके पर ही मौत हो गई।
हिन्दू और मुस्लिम पत्नियों ने बचाई एक-दूसरे के पति की जान
दोनों परिवारों को किडनी देने वाला नहीं मिल रहा था. दोनों की जान खतरे में थी. दोनों पुरुषों की पत्नियों का ब्लड ग्रुप अपने पति से मिल नहीं रहा था, जिस वजह से वह किडनी नहीं दे सकती थीं. ऐसे में संकट और गहरा गया था. इकराम की पत्नी रजिया (24) का ब्लड ग्रुप बी-पॉजीटिव था तो इकराम का ए-पॉजीटिव. राहुल की पत्नी पवित्रा (38) का ब्लड ग्रुप ए-पॉजीटिव था लेकिन राहुल का बी-पॉजीटिव.
और आज डॉक्टर कफील अहेमद बनकर आये दर्जनों मासूमो के मसीहा…..
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