भिंड | 31 मार्च को सोशल मीडिया पर अचानक से मध्य प्रदेश का भिंड वायरल हो गया. खबर मिली की यहाँ जांच के दौरान एक ईवीएम में किसी भी पार्टी का बटन दबाने के बाद भी बीजेपी को वोट जा रही है. इस मशीन के साथ जुडी VVPAT मशीन से केवल कमल के फूल की पर्ची निकल रही है. इस मामले ने इतना तूल पकड़ा की अरविन्द केजरीवाल और कांग्रेस के कुछ नेता चुनाव आयोग जा पहुंचे और पुरे मामले की जांच करने की मांग की.
राजनीतिक दलों द्वारा मुद्दे को हवा देने के बाद चुनाव आयोग ने अपनी एक जांच टीम भिंड भेज दी. आंद्र प्रदेश के मुख्य निर्वाचन अधिकारी भंवर लाल की अगुवाई में जांच टीम ने अपनी जांच शुरू की. शनिवार को जांच टीम ने अपनी फाइनल रिपोर्ट चुनाव आयोग को सौप दी है. इस रिपोर्ट में उन्होंने भिंड की ईवीएम् में किसी भी तरह की गड़बड़ी से इनकार किया है.
रिपोर्ट में कहा गया की अधिकारियो की लापरवाही की वजह से मशीन के साथ लगे VVPAT मशीन के डाटा को नही हटाया गया. VVPAT की यह मशीन उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनावो के दौरान कानपुर में इस्तेमाल की गयी थी. इसलिए इस मशीन में वही के उम्मीदवारों का डाटा स्टोर था. जिसको डेमो के समय नही हटाया गया . इसलिए चार नम्बर का बटन दबाने के बाद भी कमल के फूल की पर्ची निकली.
चुनाव आयोग ने जारी बयान में कहा की कुछ राजनितिक दल यह आरोप लगा रहे है की ईवीएम् को उत्तर प्रदेश से मंगाया गया है. वो सरासर गलत है क्योकि वहां से केवल VVPAT मशीन मंगाई गयी है. हमारे पास ये मशीने संख्या में कम है इसलिए उत्तर प्रदेश विधानसभा में इस्तेमाल हुई मशीने ही इस्तेमाल की जा रही है. उधर रिपोर्ट में कहा गया की ईवीएम और वीवीपीएटी के कामकाज में सटीकता को लेकर कोई संदेह नहीं है. रिपोर्ट में राजनितिक दलों के सभी आरोपों को भी निराधार बताया गया है.
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