इस्लाम वो चमकता सूरज है जिसे दुनिया के करोडो ग्रहण भी डुबो ना सके

Loading…

ये सब जो मेहनत की जाती है अगर इस 50% मेहनत भी किसी दुसरे धर्म के खिलाफ़ की जाती तो शायद उसका नामो-निशान इस दुनिया से मिट जाता. इतने विरोध और षणयंत्र के बाद भी इस्लाम बढ़ रहा है और रोज़ न जाने कितने लोग इस्लाम क़ुबूल कर रहे हैं. में कभी अपने अंदर डूब के सोचती हु
कोई तो बड़ी गैबी ताकत की मदद हे इस्लाम को जो इस चमकते सूरज को
इतने ग्रहण लगने के बाद भी डूब ने नहीं दे रही फिर में सोचती हु ईश्वर से बड़ी कोनसी ताकत हे उसी की मदद इस्लाम को हे वरना आज मुस्लमान एक मुसलमान को और उसके ईमान को नहीं बचा सकता
इस्लाम तो क्या बचाएगा सायद ये शेर अल्लाह की उसी छुपी मदद की दिशा में इशारा करता हे
‘इस्लाम की फितरत में क़ुदरत ने लचक दी हे तुम जितना दबाओगे उतना ही ये उभरेगा ‘

loading…

CITY TIMES

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Cart

Your Cart is Empty

Back To Shop