एर्दोगान के ऐलान पर बांग्लादेश ने मुसलमानों के साथ हजारो हिन्दुओं को शरण में लिया

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ढाका – जिस प्रकार से मीडिया में रिपोर्टिंग हो रही है उस हिसाब से म्यांमार में रोहांग्या मुस्लिमो को नरसंहार लग रहा है लेकिन बांग्लादेश के अखबार और अंतर्राष्ट्रीय न्यूज़ सर्विस बीबीसी हिंदी ने अपनी रिपोर्ट्स में दावा किया है कि बांग्लादेश में रोहिंग्या मुस्लिमो के साथ रोहिंग्या हिन्दू भी पलायन करके पहुचे है.

बीबीसी हिंदी ने एक लेख में ये लाइन दी है.. “म्यांमार से भागकर बांग्लादेश पहुंचे सभी का हिंदुओं  कहना है कि उन पर बौद्धों ने हमले किए थे क्योंकि वो रोहिंग्या जैसे दिखते हैं.”

वही बीबीसी हिंदी ने इसी लेख में उस दावे को बनावटी बताया है जिसमे म्यांमार सरकार ने हिन्दुओं पर रोहिंग्या मुस्लिमो के हमले की स्टोरी बनाई थी बीबीसी हिंदी ने कहा कि उन्हें म्यांमार में एक कमरा दिखाया गया जहाँ बताया गया इन हिन्दुओं पर मुस्लिमो ने हमले किये लेकिन बीबीसी ने मौके वारदात पर सरकार द्वारा दिशा निर्देश के हिसाब से दिखावे के पीड़ित दिखाए जाने का उल्लेख किया और कहा कि इशारा किया कि अगर हिंसा मुस्लिमो के द्वारा की गयी थी फिर रोहिंग्या हिन्दू बांग्लादेश क्यों भागे.


चार सितम्बर को हिंदुस्तान में प्रकाशित खबर के अनुसार ..बांग्लादेश में अल्पसंख्यको की एक प्रमुख संस्था हिन्दू-बौद्ध-क्रिस्चियन यूनिटी कौंसिल के प्रेसिडेंट राणा दासगुप्ता ने कहा है कि उन्होंने एक गाँव का दौरा किया जहाँ करीब 510 रोहिंग्या हिन्दू शरण लिए हुए है.

उन्होंने कहा कि उन्हें म्यांमार से बांग्लादेश आये हिन्दूओं ने बताया कि म्यांमार के मांगडू जिले में बौद्ध चरमपंथीयो ने हमला करके 86 हिन्दुओं को इसलिए मार डाला जिसके बाद हमे पलायन करना पड़ा. खबर में ये स्पष्ट लिखा है कि हिन्दू को रोहिंग्या मुस्लिमो ने बॉर्डर क्रॉस कराने में मदद की.वही बांग्लादेश के प्रसिद्द अखबार दा डेली स्टार ने भी इस सिलसिले में बंगलादेशी कैम्पों में रहने वाले हिन्दुओं की स्टोरी बनाई है।

वही बांग्लादेश के मीडिया की ताज़ा रिपोर्ट के अनुसार अब म्यांमार से आये रोहिंग्या हिन्दुओं की तादात दो हजार के आसपास हो गयी है. आपको बता दें कि यूएन की ताजा रिपोर्ट के मुताबिक एक सप्ताह में तीन लाख रोहांग्या मुसलमानों नें बंग्लादेश में शरण ली है।

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