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बाबर का मक़बरा काबुल में, हुमायूँ का मक़बरा दिल्ली में, अकबर का मक़बरा फ़तेहपुर सीकरी में, जहांगीर का मक़बरा लाहौर में, शाहजहाँ का मक़बरा आगरा में, औरंगज़ेब का मक़बरा खुलदाबाद में, औरंगजेब की संपत्ति सिर्फ 364 रुपये मिली.
बहादुर शाह ज़फ़र का मक़बरा दिल्ली में, जहाँनदार शाह का मक़बरा दिल्ली में, फ़र्रूख का मक़बरा दिल्ली में, रफ़ी उल दरजात का मक़बरा दिल्ली में, शाहजहाँ दोयम का मक़बरा दिल्ली में, मुहम्मद शाह का मक़बरा दिल्ली में, अहमद शाह बहादुर का मक़बरा दिल्ली में, आलमगीर दोयम का मक़बरा दिल्ली में, शाहजहाँ III का मक़बरा दिल्ली में, शाह आलम दोयम का मक़बरा दिल्ली में, अकबर दोयम का मक़बरा दिल्ली में, बहादुर शाह ज़फ़र का मक़बरा रंगून में । (Ali Nadeem Rezavi)
और इन सबसे भारत सरकार को करोडो रुपये मिलते है जिसका इस्तेमाल हामारे ही देश के लिए किया जाता है. जितने भी मुस्लिम शासक हुए सब ने अपनी जायदाद यहीं छोड़ी और इसी मिटटी में दफन हुए. जिस तरह बच्चा अपनी मान की गोद में सो जाता है. इन बादशाहों ने स्विस बैंक में अपना धन नहीं जमा किया. इन्होने जनता के पैसो में एक पैसे का भी घोटाला नहीं किया यह भी एक इतिहास ही है. जो कोई मिटा नहीं सकता. अब उन लोगो से जो मुस्लिम बादशाहों को लुटेरा कहकर बदनाम करते है उनसे यह जानना चाहता हूँ की, मुगलों ने लूट का धन किस देश के किस बैंक में जमा कर रखा है ? फिर मुगलों को लुटेरा कहने वालो ने यह अभियान क्यों नहीं चलाना चाहिए की वह भारत क धन वापिस लाया जाए ?असल लुटेरे तो वह है जिन्होंने लखो करोड़ का घोटाला किया, काला धन स्विस बैंक में जमा किया.भारत सोने की चिड़िया को भ्रष्टाचार की चिड़िया बना दिया. जो लोग 70 साल में अरबोपति बन गए उन लोगो के भक्त यह कब बताएँगे के भारत पर 700 साल राज करके भी आज भारत का मुसलमान पंचर जोड़ता है, रास्ते पर ठेला लगाता है.
अहेमद कुरैशी, स्टेट प्रसीडेंट, रिहाई मंच, महाराष्ट्र
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