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महाराष्ट्र के औरंगाबाद में दो पार्षदों के वंदे मातरम् पर खड़े ना होने पर विवाद हो गया। वहां MIM के दो पार्षदों ने वंदे मातरम् गायन के दौरान खड़े होने से इंकार कर दिया। जिससे औरंगाबाद नगर निगम में सत्तारूढ़ भाजपा और शिवेसना के सदस्यों ने जमकर हंगामा किया। दरअसल यहां एक मीटिंग के दौरान वंदे मारतरम् गाया गया। लेकिन इस दौरान AIMIM के दो पार्षदों ने खड़े होने से इंकार कर दिया। एएनआई की खबर के अनुसार AIMIM के तीन पार्षदों को 15 दिनों के लिए सस्पेंड कर दिया गया है। गौरतलब है कि इससे पहले भी कई बार पार्टी प्रमुख और हैदराबाद से सांसद असदुद्दीन औवेसी वंदे मातरम् पर अपना विरोध दर्ज करा चुके हैं। उनका तर्क है कि संविधान में ऐसा कहीं भी नहीं लिखा है वंदे मातरम् गाना जरूरी है। बता दें कि हाल के दिनों में बीएमसी ने एक प्रस्ताव पास कर बीएमसी के सभी स्कूलों में वंदे मारतम् गाना अनिवार्य कर दिया है। मामले में बीएमसी के मेयर विश्वनाथ महादेश्वर ने बताया था कि यहां हमने सप्ताह में दो बार वंदे मातरम् गाना अनिवार्य कर दिया है। प्रस्ताव राज्य सरकार को भेज दिया गया है।
हालांकि शिवसेना और भाजपा सूबे में वंदे मातरम् का गायन अनिवार्य करने की मांग कर चुकी है। जिसपर राज्य में सपा विधायक अबू आजमी अपना कड़ा विरोध दर्ज करा चुके हैं। उन्होंने कहा कि चाहे तो देश से बाहर निकाल दो लेकिन वंदे मातरम् नहीं गाऊंगा। क्योंकि सच्चा मुसलमान कभी वंदे मातरम् नहीं गाएगा। आजमी ने आगे कहा कि वो वंदे मातरम् का सम्मान करते हैं लेकिन मजहब इसे गाने की इजाजत नहीं देता। दूसरी तरफ MIM विधायक वारिस पठान ने कहा कि कोई विचारधारा थोपी नहीं जा सकती। मैं वंदे मातरम् नहीं गाऊंगा। चाहे कोई गले पर छोरी रख दे। विधानसभा में ये मुद्दा उठा तो इसका विरोध करूंगा।
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