जर्मनी की तमाम रातों में 9-10 नवंबर 1938 की रात ऐसी रही जो आज तक नहीं बीती है। न वहां बीती है और न ही दुनिया में कहीं और। उस रात को CRYSTAL NIGHT कहा जाता है। उस रात की आहट आज भी सुनाई दे जाती है। कभी कभी सचमुच आ जाती है।
हिटलर की जर्मनी में यहुदियों के क़त्लेआम का मंसूबा उसी रात जर्मनी भर में पूरी तैयारी के साथ ज़मीन पर उतरा था। उनका सब कुछ छीन लेने और जर्मनी से भगा देने के इरादे से, जिसके ख़िलाफ़ वर्षों से प्रोपेगैंडा चलाया जा रहा था। 1938 के पहले के कई वर्षों में इस तरह की छिटपुट और संगीन घटनाएं हो रही थीं। इन घटनाओं की निंदा और समर्थन करने के बीच वे लोग मानसिक रूप से तैयार किये जा रहे थे जिन्हें प्रोपेगैंडा को साकार करने लिए आगे चलकर हत्यारा बनना था। अभी तक ये लोग हिटलर की नाना प्रकार की सेनाओं और संगठनों में शामिल होकर हेल हिटलर बोलने में गर्व कर रहे थे। हिटलर के ये भक्त बन चुके थे। जिनके दिमाग़ में हिटलर ने हिंसा का ज़हर घोल दिया था।
“हमें इस बात को लेकर बिल्कुल साफ रहना चाहिए कि अगले दस साल में हम एक बेहद संवेदनशील टकराव का सामना करने वाले हैं। जिसके बारे में कभी सुना नहीं गया है। यह सिर्फ राष्ट्रों का संघर्ष नहीं है,बल्कि यह यहुदियों, फ्रीमैसनरी, मार्क्सवादियों और चर्चों की विचारधारा का भी संघर्ष है। मैं मानता हूं कि इन ताकतों की आत्मा यहुदियों में है जो सारी नकारात्मकताओं की मूल हैं। वो मानते हैं कि अगर जर्मनी और इटली का सर्वनाश नहीं हुआ तो उनका सर्वनाश हो जाएगा। यह सवाल हमारे सामने वर्षों से है। हम यहुदियों को जर्मनी से बाहर निकाल देंगे। हम उनके साथ ऐसी क्रूरता बरतेंगे जिसकी किसी ने कल्पना नहीं की होगी।“
7 नवंबर 1938 की रात पेरिस में एक हत्या होती है जिसके बहाने जर्मनी भर के यहुदियों के घर जला दिये जाते हैं। इस घटना से हिटलर और गोएबल्स के तैयार मानस-भक्तों को बहाना मिल जाता है जैसे भारत में नवंबर 1984 में बहाना मिला था, जैसे 2002 में गोधरा के बाद गुजरात में बहाना मिला था। 7 नवंबर को पेरिस में जर्मनी के थर्ड लिगेशन सेक्रेट्री अर्नस्ट वॉम राथ की हत्या हो जाती है। हत्यारा पोलैंड मूल का यहूदी था। गोएबल्स के लिए तो मानो ऊपर वाले ने प्रार्थना कबूल कर ली हो। उसने इस मौको को हाथ से जाने नहीं दिया। हत्यारे के बहाने पूरी घटना को यहुदियों के खिलाफ़ बदल दिया जाता है। यहुदियों को पहले से ही प्रोपेगैंडा के ज़रिये निशानदेही की जा रही थी। उन्हें खलनायक के रूप में पेश किया जा रहा था। चिंगारी सुलग रही थी, हवा का इंतज़ार था, वो पूरा हो गया। गोएबल्स ने अंजाम देने की तैयारी शुरू कर दी। उसके अलगे दिन जर्मनी में जो हुआ, उसके होने की आशंका आज तक की जा रही है।