काले रंग के कारण महिला को ज़िंदा जलाया – जीने का अधिकार छिनने से बेहतर विकल्प है तलाक

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टीकमगढ़। हमारे देश मे ब्यूटीक्रीम बेचने के लिए कंपनियों की होड़ लगी रहती है। हर कंपनी अपनी क्रीम को बेहतर बताने के लिए कई तरह के विज्ञापन भी पेश करती है। लेकिन मध्यप्रदेश के दमोह जिले के पटेरिया गांव में एक पति ने अपनी पत्नी को इसलिए जिंदा जला दिया क्योंकि उसका रंग गौरा नहीं था। इतना ही नहीं इस काम को करने में उसके परिवार वालों ने भी उसकी मदद की।

खबर के अनुसार गहरा सांवला रंग होने के कारण उसे रोज ताने मारे जाते थे। एक दिन परिवार वालों ने तंग आकर उसे काबू किया और कैरोसिन डालकर आग लगा दी। महिला जलती हुई घर से बाहर भागी और किसी तरह अपने मायके पहुंच गई। इस मामले में मानवाधिकार आयोग ने भी दखल दिया है। वहीं इस मामले में पुलिस जांच कर रही है। अभी तक किसी की गिरफ्तार नहीं हुई है।


प्राप्त जानकारी के अनुसार, पीड़िता रिंकी राय की शादी टीकमगढ़ के देवरदा के रहने वाले सुरेंद्र राय के साथ लगभग डेढ़ साल पहले हुई थी। शादी के बाद से ही सुरेंद्र अपनी पत्नी रिंकी को काला रंग होने के कारण ताने कसता था। यही नहीं, सुरेंद्र के परिवार वालों ने रिंकी को सताने में कोई कसर नहीं छोड़ी। समय के साथ बात इतनी बढ़ गई कि सुरेंद्र ने अपनी मां, भाई और बहन के साथ मिलकर रिंकी को बांधकर उस पर केरोसिन का तेल डालकर आग लगा दी।

रिंकी ने अधजली अवस्था में चीखते-चिल्लाते हुए अपने ससुराल से भागकर जान बचाई और अपने मायके पटेरिया पहुंची। रिंकी को गंभीर अवस्था में दमोह जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है। जिला अस्पताल में भर्ती रिंकी से मिलने मानव अधिकार आयोग की सीमा जाट पहुंची। उन्होंने जल्द से जल्द प्रशासनिक कार्रवाई का आश्वासन दिया। वहीं, दमोह पुलिस अधीक्षक तिलक सिंह का कहना है कि मामले की जांच की जा रही है। घटनाक्रम दूसरे जिले का है। सभी पहलुओं पर गौर करने के बाद ही कार्रवाई की जाएगी। 

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