खबर के अनुसार गहरा सांवला रंग होने के कारण उसे रोज ताने मारे जाते थे। एक दिन परिवार वालों ने तंग आकर उसे काबू किया और कैरोसिन डालकर आग लगा दी। महिला जलती हुई घर से बाहर भागी और किसी तरह अपने मायके पहुंच गई। इस मामले में मानवाधिकार आयोग ने भी दखल दिया है। वहीं इस मामले में पुलिस जांच कर रही है। अभी तक किसी की गिरफ्तार नहीं हुई है।
रिंकी ने अधजली अवस्था में चीखते-चिल्लाते हुए अपने ससुराल से भागकर जान बचाई और अपने मायके पटेरिया पहुंची। रिंकी को गंभीर अवस्था में दमोह जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है। जिला अस्पताल में भर्ती रिंकी से मिलने मानव अधिकार आयोग की सीमा जाट पहुंची। उन्होंने जल्द से जल्द प्रशासनिक कार्रवाई का आश्वासन दिया। वहीं, दमोह पुलिस अधीक्षक तिलक सिंह का कहना है कि मामले की जांच की जा रही है। घटनाक्रम दूसरे जिले का है। सभी पहलुओं पर गौर करने के बाद ही कार्रवाई की जाएगी।