किरण यादव के फेसबुक प्रोफाइल पर अगर एक चक्कर लगा के आया जाए, तो 3 बातें ख़ास तौर से नोटिस में आती हैं.
1. अक्सर राजनीति पर बातें पोस्ट होती हैं. ज़्यादातर में मौजूदा सरकार की आलोचना ही होती है. कभी-कभार कांग्रेस और अन्य पार्टियों को भी निशाने पर लिया जाता है. 2. लगभग हर पोस्ट में एक नई फोटो. 3. देवनागरी में लिखी गई पोस्ट में भाषा की बेशुमार गलतियां.
किरण यादव के कुछ स्टेटस हमने सोशल डायरी ब्लॉग और हमारी वेबसाइट पर पोस्ट किये थेवह भी लाखो लोगो ने देखा था. यूं देखा जाए तो किरण यादव का फेसबुक अकाउंट उनके दर्जनों फ़ोटोज़ का स्टोर रूम सा लगता है. फेसबुक पर किसी पेज को लाखों लोग फॉलो करने लग जाएं, ये आम बात है. लेकिन किसी पर्सनल अकाउंट की इतनी ज़्यादा लोगों तक पहुंच बने, ये बात चौंका देती है. ख़ास तौर से इसलिए क्योंकि इस अकाउंट से कोई बेहद ख़ास कॉन्टेंट परोसा जा रहा हो, ऐसा भी नहीं है. तस्वीरें भी एक घरेलू महिला की होती है. इसलिए इस बेतहाशा फैन-फॉलोइंग की मिस्ट्री थोड़ी समझ से बाहर है.
लेकिन दूसरी तरफ एक ही महिला की ढेर सारी तस्वीरें और कुछ वीडियो ये कन्फर्म करते हैं कि तस्वीर में दिख रही महिला का अस्तित्व ज़रूर है. कई लोग ये भी कहते हैं कि ऐसी किसी महिला का कोई परिजन ही इस अकाउंट के पीछे है, जिसकी इस महिला तक पहुंच है. ऐसे लोग मानते हैं कि ऐसी किसी जान-पहचान की महिला की तस्वीरें और एक फर्जी नाम के सहारे चलाया जा रहा है अकाउंट.
हो सकता है इस अकाउंट को लेकर इतनी बातें चल पड़ने के बाद फेसबुक इसे वेरीफाई करने की कोशिश करे. और उसमें फेल होने पर इसको बंद ही कर दे. ऐसा हुआ तो सोशल मीडिया के बाशिंदों के लिए ये हालिया दिनों की सबसे बड़ी अनसुलझी पहेली बन कर रह जाएगी. क्योंकि कटप्पा ने बाहुबली को क्यों मारा था, ये पता चल चुका है. लेकिन अकाउंट बंद हुआ, तो लोगों को कभी पता नहीं चलेगा कि, कौन थी किरण यादव