वरिष्ठ पत्रकार दिलीप मंडल ने सोशल मीडिया पर मुसलमानों के लिए एक महत्वपूर्ण मेसेज छोड़ा है, मेसेज में उन्होंने असमानता से बचने की ताकीद भी की. जिस तरह से एससी, एसटी और ओबीसी के कुछ लोग साम्प्रदायिक दंगो के दौरान समानता भूलकर असमानता अपनाते है और मुसलमानों के खिलाफ ‘हिंदुत्व’ के नाम पर खड़े हो जाते है. इसी तरह मुसलमानों ने अपनी किताब (कुरआन) जो समानता की शिक्षा देती है, स्वतंत्रता और बंधुता की शिक्षा देती है उस शिक्षा को आत्मसात कर दक्षिण एशियाई असमानता को अपनाने से परहेज करने की सलाह दी.
आईये देखते है दिलीप माडल अपनी फेसबुक प्रोफाइल पर क्या लिखते है, उनके स्टेटस को हमने कॉपी कर आपसे शेयर किया है
Dilip C Mandal
रमज़ान मुबारक दोस्तों।
आप लोगों की सबसे अच्छी बात यह है कि आपकी धार्मिक किताब आप लोगों को साथ में पूजा-इबादत करने और हरेक के साथ बैठकर खाने की शिक्षा देती है।
दक्षिण एशिया की बीमारी जातिवाद ने आप लोगों को भी कुछ बीमार कर दिया है। लेकिन ख़ैरियत है कि आपकी किताब भाईचारा सिखाती है।
कृपया इस दक्षिण एशियाई बीमारी से बचें।
यहाँ की वेद और मनुस्मृति जैसी किताबों के असर में न आएँ।
(दिलीप मंडल की निजी सलाह और विचार है)