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देश का किसान परेशान औऱ बेहाल है। फसल का सही दाम, कर्जमाफी जैसे तमाम मुद्दे किसानों के लिए परेशानी का सबब बने हुए हैं। मंदसौर में निहत्थे किसानों पर पुलिसिया बर्बरता बरपाई गई। 6 किसानों की जान चली गई। 2 दर्जन से ज्यादा घायल हो गए।
देश में तमाम जगह चीनी मिले गन्ना किसानों का भुगतान नहीं कर रही हैं। सालों बाद गन्ना किसानों को मेहनत का पैसा मिलता है। समर्थन मूल्य बढ़ाने के वादे पर सरकारें वादाखिलाफी करती नजर आई हैँ। सरकारें किसानों के अच्छे दिन मालूम नहीं कब तक लौटाएंगी। सोशल मीडिया पर काफी दिनों से एक तस्वीर वायरल हो रही है। इस तस्वीर में रिलायंस मॉल में मिल रहे गन्ने की कीमत को बताया जा रहा है।
इस तस्वीर में गन्ने की कीमत 39 रूपए है इसका वजन 185 ग्राम बताया जा रहा है। इस हिसाब से जोड़कर बताया गया कि, एक क्विंटल 21 हजार का हो गया। जबकि गन्ना किसानों का गन्ना 300 रूपए क्विंटल खरीदा जाता है। जिसका पैसा भी कई सालों बाद भुगतान होता है। सवाल तो तमाम उठ रहे हैं। कैसे किसानों का हक़ मारा जाता है औऱ बड़े-बड़े पूंजीपतियों को फायदा पहुंचाया जाता है।
इसे कहते है पुजिपतियों की सरकार गरीब व किसान विरोधी नीतियां ये सरकार केवल आकड़ों में ही गरीब व किसानो की हिमायती बनी फिरती है क्यों किसान का जीवन बदहाल व नर्क बना हुआ है केसे खुले आम इन्होने किसान का बोया गन्ना 300 रूपये क्विंटल 21 हजार का हो गया ये मुनाफा खोरी नही है तो क्या है किसान का समर्थन मूल्य क्या है आम जनता को केसे पैकिंग के व नाम के नाम पर ठगा जा रहा है
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