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पिछले साल एक हिन्दू लड़की से जबरन धर्म परिवर्तन कर शादी करने के आरोपी मुस्लिम लड़के को आज दिल्ली की एक अदालत ने बाइज्जत बरी कर दिया है. बता दें कि पुलिस शिकायत में मुस्लिम लड़के पर जबरन धर्म परिवर्तन करवा कर शादी करने,अपहरण और रेप का आरोप लगाया गया था. हिंदू लड़की पिछले मुस्लिम लड़के के साथ लापता हो गयी थी जिसके बाद दोनों ने निकाह कर लिया था. लापता होने के बाद लड़की के परिजनों ने ईस्ट दिल्ली के कल्यानपुरी पुलिस थाने में रिपोर्ट दर्ज करवाई थी और कुछ अज्ञात लोगो पर लड़की के अपहरण का मुकदमा दर्ज कराया था.
लड़की अपनी मर्जी से शादी के लिए आजाद नहीं है…
मुस्लिम लड़के पर जबरन धर्म बदलवा कर शादी करने,अपहरण और रेप का पुलिस शिकायत में आरोप लगाया गया था. जिस पर सेशन कोर्ट के जज अश्वनी कुमार सरपाल ने फैसला सुनते हुए कहा था कि लड़की अपनी मर्जी से किसी भी मज़हब के लड़के के साथ शादी के लिए आजाद नहीं है.
मुस्लिम लड़के पर जबरन धर्म बदलवा कर शादी करने,अपहरण और रेप का पुलिस शिकायत में आरोप लगाया गया था. जिस पर सेशन कोर्ट के जज अश्वनी कुमार सरपाल ने फैसला सुनते हुए कहा था कि लड़की अपनी मर्जी से किसी भी मज़हब के लड़के के साथ शादी के लिए आजाद नहीं है.
अपनी मर्जी से की थी शादी…
उसके बाद पुलिस ने लड़की को पिछले वर्ष दिसम्बर में पश्चिम बंगाल से बरामद कर लिया था और पुलिस दोनों को दिल्ली ले आई थी. आज अदालत ने अपने फैसले में दिल्ली सरकार बनाम उमेश के विवाद पर 21 जुलाई 2015 के फैसले का ज़िक्र करते हुए कहा कि लड़की अपनी मर्जी से घर छोड़कर गई थी. इसलिए लड़के पर लगे लव ज़िहाद के आरोप खारिज़ किया जाता है.
उसके बाद पुलिस ने लड़की को पिछले वर्ष दिसम्बर में पश्चिम बंगाल से बरामद कर लिया था और पुलिस दोनों को दिल्ली ले आई थी. आज अदालत ने अपने फैसले में दिल्ली सरकार बनाम उमेश के विवाद पर 21 जुलाई 2015 के फैसले का ज़िक्र करते हुए कहा कि लड़की अपनी मर्जी से घर छोड़कर गई थी. इसलिए लड़के पर लगे लव ज़िहाद के आरोप खारिज़ किया जाता है.
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