गोरखपुर से बनारस तक बिछी मासूमों की लाश के पीछे का घिनौना सच

Loading…


बनारस में मारे गए लोगों पर कोई नहीं बोला क्‍योंकि ज़हरीली गैस भाजपा विधायक की थी!
(प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र बनारस के सर सुंदरलाल चिकित्‍सालय में जून के पहले हफ्ते में जब एक झटके में दर्जन भर से ज्‍यादा मौतें हुईं और मीडिया ने कहा कि इसकी वजह ज़हरीली गैस है, तो प्रशासन ने कारण को खारिज कर दिया और मृतकों की संख्‍या को तीन पर लाकर समेट दिया। उसी वक्‍त कुछ चिकित्‍सकों ने यह आशंका ज़ाहिर की थी कि मामला संगीन है और व्‍यापक है। स्‍वतंत्र पत्रकार और वनांचल एक्‍सप्रेस के संपादक शिवदास मौत के दिन से ही इस ख़बर की तहों को उलटने-पलटने में लगे हुए थे, कि 11 अगस्‍त की रात गोरखपुर में बच्‍चों के लिए काल बनकर आई। आशंकाएं सच साबित हुईं। कार्रवाई के मामले में बनारस का ही पैटर्न प्रशासन ने गोरखपुर में भी अपनाया है। मूल कारण को ही खारिज कर दिया है।


एक सच सरकार का है जिसमें मौत का कारण गैस नहीं है। दूसरा सच पीडि़तों, उनके परिजनों, चिकित्‍सकों और रिपोर्टरों का है जो जानते हैं कि सरकार झूठ बोल रही है। सरकार भला मौतों पर झूठ क्‍यों बोलेगी? इस सवाल का जवाब एक भयावह तस्‍वीर पेश करता है। बनारस से लेकर गोरखपुर तक का समूचा इलाका मेडिकल गैस के ठेके से जुड़े भ्रष्‍टाचार के चलते एक विशाल गैस चैम्‍बर में तब्‍दील किया जा रहा है। बनारस से पहले भी मौतें हुई थीं। गोरखपुर के बाद भी होंगी। लगातार मरती हुई अवाम के बीच सच को कहना तकलीफ़देह है, लेकिन इसका कोई विकल्‍प भी नहीं।

loading…

CITY TIMES

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *