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60 लाख रुपये ऑक्सिजन का बिल पेड करने को नहीं मिले 120 लाख मुआवजे के लिए मिल जायेंगे, पर मासूमो की जिन्दगिया नहीं. अब मुआवजे का होगा ऐलान
मेडिकल कॉलेज में ऑक्सीजन सप्लाई करने वाली कंपनी का अस्पताल पर लगभग 69 लाख रुपये बकाया था। पैसे ना मिलने पर कंपनी ने लिक्विड ऑक्सीजन की आपूर्ति रोक दी।
उत्तर प्रदेश के गोरखपुर से इस वक्त एक बड़ी खबर आ रही है। यहां पिछले 48 घंटों में 30 बच्चों की मौत हो गई है। ये घटना गोरखपुर के बीआरडी मेडिकल कॉलेज की है। रिपोर्ट्स के मुताबिक मेडिकल कॉलेज के आईसीयू और इंसेफलाइटिस वार्ड में ऑक्सीजन की सप्लाई ठप होने से इन बच्चों की मौत हुई है। गोरखपुर उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्य नाथ का इलाका है। योगी आदित्य नाथ इसी इलाके से इस वक्त सांसद हैं। समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक गोरखपुर के बीआरडी अस्पताल में दिमागी बुखार की वजह से कई बच्चे अस्पताल में भर्ती थे। गोरखपुर समेत पूर्वी उत्तर प्रदेश के कई इलाके दिमागी बुखार से प्रभावित हैं।
रिपोर्ट्स के मुताबिक अस्पताल के इस वार्ड में गुरुवार रात 11.30 बजे से ऑक्सीजन की सप्लाई बाधित हो गई थी। ये सिलसिला सुबह 9 बजे तक चलता रहा। इसकी वजह से 30 बच्चों ने तड़प तड़प कर दम तोड़ दिया। इस घटना के बाद अस्पताल में कोहराम मचा हुआ है। जिला प्रशासन ने अबतक सात बच्चों की मौत की पुष्टि की है। खबरों के मुताबिक इस मेडिकल कॉलेज में ऑक्सीजन सप्लाई करने वाली कंपनी का अस्पताल पर लगभग 69 लाख रुपये बकाया था। पैसे ना मिलने पर कंपनी ने लिक्विड ऑक्सीजन की आपूर्ति रोक दी। इसके बाद अस्पताल में जंबों सिलेंडरों से गैस सप्लाई की जा रही थी। पहली बार अस्पताल के स्टाफ को रात आठ बजे पता चला कि ऑक्सीजन का स्टॉक खत्म हो गया है। अब तक यहां सिलेंडर से ऑक्सीजन की सप्लाई की जा रही थी। इसके बाद वार्ड को लिक्विड ऑक्सीजन से जोड़ा गया, लेकिन दुर्भाग्य से रात 11.30 बजे ये नही खत्म होगया।
अब तक अस्पताल में कोहराम मच गया था, लगभग 50 से ज्यादा मरीज बेहोशी की हालत में थे, लेकिन डॉक्टर, नर्स स्टाफ कोई कुछ कहने की हालत में नहीं था। आनन-फानन में वरिष्ठ अधिकारियों को फोन लगाया गया। लेकिन कोई कुछ जवाब देने की हालत में नहीं था। इस बीच राहत की खबर रात 1.30 बजे आई जब ऑक्सीजन सिलेंडर से लदी गाडी आई। लेकिन राहत की ये खबर महज कुछ घंटों के लिए थी। सुबह सात बजे दोबार ऑक्सीजन खत्म हो गई। इसे पूरे मामले में अस्पताल प्रशासन की लापरवाही साफ नजर आ रही है।
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