याद कीजिए 2013 का वह दिन जब शरद यादव ने गठबंधन तोड़ने का एलान करते हुए कहा था , “आज हमने पार्टी पदाधिकारियों की बैठक की. सबसे बातचीत कर ये तय हुआ कि अब NDA गठबंधन में साथ चलने से न तो उनके गठबंधन को लाभ होगा और न हमारी पार्टी के लिए ये हितकारी होगा. इसलिए हमने फैसला किया है अब उनका रास्ता और हमारा रास्ता अलग हो गया है. अब जेडीयू NDA गठबंधन से बाहर हो गया है.”
इसके साथ ही शरद यादव ने एनडीए के संयोजक का पद भी छोड़ने की घोषणा की थी .
शरद यादव ने कहा था कि बीजेपी के साथ उनकी पार्टी का गठबंधन 17 वर्ष से था और अटल जी और अडवाणी जी के साथ बैठकर सभी पार्टियों ने नेशनल एजेंडा बनाया था लेकिन अब 17 वर्षों की दोस्ती तोड़ना ही एकमात्र रास्ता है। अब केवल चार वर्ष NDA से दूर रहने के बाद शरद यादव नीतीश के साथ पुनः घर वापसी करते हुए NDA में शामिल हो गए।
-Soni Sanni
गुरुवार को दिल्ली में राजद नेताओं के साथ मुलाकात के बाद शरद यादव ने इस मामले में खुलकर बात की। उन्होंने हर सवाल का जवाब दिया और सबकुछ साफ कर दिया।
शरद यादव ने कहा कि बिहार में जो कुछ हुआ, वह मेरे लिए दुखद हैं लेकिन मैं जदयू में हूं और रहूंगा। वहीँ शारद यादव यादव ने नयी पार्टी बनाने को लेकर लगायी जा रही अटकलों को खारिज करते हुए कहा है कि वह कोई नया दल बनाने नहीं जा रहे हैं।
राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव ने शरद यादव को 27 अगस्त की ‘भाजपा भगाओ देश बचाओ’ रैली में आमंत्रित किया है बावजूद जदयू को भरोसा है कि वह पार्टी के रूख से अलग कोई निर्णय नहीं लेंगे।
वहीं, दूसरी तरफ जद-यू ने गुरुवार को शरद यादव पर भाजपा के साथ मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा किए गए नए गठबंधन का साथ नहीं देने पर निशाना साधा और उन पर भ्रष्टाचार के साथ समझौता करने का आरोप लगाया।