चुनाव आयोग ने माँगा था EVM गड़बड़ी का सबूत, क्या इतना काफी नहीं ?

ईवीएम विवाद पर नेशनल दस्तक की सबसे बड़ी कवरेज, नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश सहित पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों के परिणाम आने के बाद देश में ईवीएम के खिलाफ खुब आवाज उठी। सबसे पहले बसपा प्रमुख मायावती ने चुनाव परिणामों में धांधली के आरोेप लगाए। उसके बाद सभी विपक्षी राजनेतिक दलों ने भी ईवीएम पर सवाल खड़े किए। राजनीतिक दलों की मांग थी कि चुनावों में प्रयोग की गई ईवीएम मशीन के साथ छेड़छा़ड़ की गई है। दरअसल जिस तरह से विधानसभा चुनावों के परिणाम आए उससे साफ तौर पर ईवीएम पर सवाल उठने लगे। इसके बाद कई ऐसे विडियों क्लिप सामने आए जिसमे ईवीएम मशीन के साथ छेड़छाड़ की जाती नजर आ रही थी। सााथ ही कुछ ऐसे क्लिप भी सामने आए जिसमें ईवीएम के साथ छेड़छाड़ के तरीकों के बारे में बताया गया था।

अब मध्य प्रदेश में ईवीएम पर सवालों के जवाब देने के लिए किए गए डमी टेस्ट से यूपी सहित पांच राज्यों में हुए चुनाव संदिग्धता के घेरे में आ गए हैं। मध्य प्रदेश की अटेर विधानसभा उपचुनाव की तैयारियों की समीक्षा राज्य की मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी सलीना सिंह ने की। उन्होंने प्रदेश में ईवीएम के साथ पहली बार इस्तेमाल हो रही वीवीपेट (वोटर वेरीफाइडट पेपर ऑडिट ट्रेल) मशीन का डेमो भी किया। डेमो के लिए उन्होंने ईवीएम में चार नंबर बटन दबाया। बटन दबने के बाद वीवीपीएटी की स्क्रीन पर कमल के फूल की पर्ची आ गई जबकि उस नंबर पर कमल का निशान ही नहीं था। नेशनल दस्तक ने चुनाव परिणामों के बाद से ही लगातार ईवीएम पर लगातार कवरेज की थी। आप हमारी ईवीएम पर की गई कवरेज को नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक कर देख व पढ़ सकते है।

CITY TIMES

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