ईस ईद ये करके देखो , अच्छा लगेगा !
बहोत से ऐसे घर है जहां ईद को भी शायद चूल्हा नही जलता, एक गांव में अपनी आर्थिक कमजोरी के चलते एक माँ ने अपने बच्चों के साथ खुदखुशी की थी ,लेकिन ईस्लाम उस मजहब का नाम है जहां भूके रोटी,नंगे को कपड़ा और बहोत कुछ सिखाता है , ‘ जकात ‘ उसीका का एक अंग है हिस्सा है, इसके जरिए आप उन लोगो की मुस्कराहट बन सकते हो जो इस ईद से महरूम रहने वाले है, उन माओं, बहनो और उन बच्चों को ख़ुशी का वो पल दो जिसके कारण वो ईस ईद को आपकी ईद समझे ।
स्वाभिमानी मुस्लिम विकास परिषद महाराष्ट्र
CITY TIMES