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जर्मन सरकार द्वारा इस्लामिक बुर्के पर लगाई गयी पबदी वाली खबरों को मुस्लिम देवेशी खूब वायरल कर रहे है. मनो इन्हें कोई अनमोल खजाना मिल गया हो. लेकिन जर्मन में कुछ जगह चेहरा ढकने को पाबंदी है तो कुछ जगह छुट भी. यह आंशिक प्रतिबन्ध चहरा थकने यानी स्कार्फ, मास्क पर है जिससे चेहरा ढाका जाता हो.
जर्मन सरकार ने मुस्लिम विरोधी कार्यवाही करते हुए बुर्क़े पर आंशिक प्रतिबंध लगा दिए हैं। नए क़ानून के अनुसार ड्यूटी पर मौजूद चुनाव अधिकारी, सेना और न्यायायिक कर्मियों समेत सभी सरकारी अधिकारियों पर बुर्क़े पर प्रतिबंध लागू हो गया है। इस प्रतिबंध में स्वास्थ्य कर्मियों और पुलिस अधिकारियों को छूट दी गई है। हेल्थ कर्मी इंफेक्शन से स्वयं को बचाने और पुलिस अधिकारी अपनी पहचान छुपाने के लिए अपना मुंह ढंक सकते हैं जबकि बाकी लोगों को पहचान की जांच के समय अपने चेहरे को ढांकने की अनुमति नहीं होगी।
जर्मनी के निचले सदन में पारित इस क़ानून में आया है कि राज्य का कर्तव्य है कि स्वयं को वैचारिक और धार्मिक तौर पर निष्पक्ष ढंग से पेश करे। जर्मनी की चरमपंथी राइट विंग पार्टी का आरोप है कि बड़ी संख्या में देश में शरणार्थियों के आने से आतंकवादी कार्यवाहियों में वृद्धि हुई है और इसीलिए देश में बुर्क़े पर प्रतिबंध लागू होना चाहिए। ज्ञात रहे कि 2015 से जर्मनी ने लगभग 10 लाख शरणार्थियों को शरण दी है। आतंकवाद के संबंध में यूरोप के दोहरे मापदंड के कारण यूरोप तक आतंकवाद का विस्तार हो गया है। जर्मनी द्वारा सीरिया सहित मध्यपूर्व के देशों में आतंकवादी गुटों का समर्थन किसी से छिपा नहीं है।
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