तुम आज तक जाकिर नाईक पर आरोप तय नहीं कर पाए और बात करते हो सज़ा देने की। तुम्हारे हर विभाग ने उनके NGO की जाँच की। उनकी कट्टरता की जाँच की।
मुम्बई पुलिस ने क्लीन चिट दी। मुम्बई अपराध शाखा ने क्लीन चिट दी। सारी जाँच एजेन्सियाँ उनके पीछे लगा दी। IRF का मुम्बई ऑफिस FCRA कानून के तहत कार्यवाही करके सील कर दिया। उसपर कब्जा कर लिया, उसको अपने इस्तेमाल के लिए रखा तुमने। वो मुस्लिम है इसलिए तुम्हारी सारी एजेन्सी उनको टार्गेट करती रहीं।
यहाँ तक कि #NIA ने उनके सभी वीडियो देख डाले। पर कोई भड़काऊ तकरीर नहीं मिली। अगर वह आतंकी गतिविधी में शामिल होते तो क्या तुम सिर्फ तीन तलाक पर ही मुसलमानों को बदनाम करने का मिशन चला रहे होते। तुम्हारा सारा सरकारी अमला आज हाय जाकिर हाय जाकिर कर रहा होता और तुम्हारे लम्पट चेले आज भी कहते हैं जाकिर नाईक आतंकी है। अरे झूठों की फौज खड़ी करने वाले कमलगट्टे अगर वह दोषी पाए गए होते तो तुम उसे छोड़ देते क्या?
देश में लोगों धर्म के नाम पर भड़काना बन्द कीजिए साहेब। #जाकिर_नाईक दोषी होते तो NIA कब की अपनी रिपोर्ट आपको सौंप चुकी होती।
हर किसी को अपनी गिरफ्तारी से बचने का और उसे टालने का संवैधानिक अधिकार है। Dr Zakir Naik भी वही कर रहे हैं।
हर किसी को अपनी गिरफ्तारी से बचने का और उसे टालने का संवैधानिक अधिकार है। Dr Zakir Naik भी वही कर रहे हैं।
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(डिस्क्लेमर-अंजली शर्मा के निजी विचार है, उन्होंने यह आर्टिकल सोशल मीडिया पर पक्ब्लिश किया है. सोशल डायरी का कोई सरोकार नहीं)
CITY TIMES