दावा किया जा रहा है कि राजपुर में चार दिन में 37, गोडमर्रा में 35 और रानो में 20 गायों की मौत हुई है, लेकिन शनिवार को भी गोशालाओं के आस-पास गायों की लाशें मिल रही थीं। अफसर उनकी गिनती नहीं कर पा रहे थे। मामला उजागर होने के बाद गोशाला स्टाफ और ग्रामीणों ने बताया कि बीमार गायों को गोडमर्रा में हरीश भूसे में जिंदा दफन करवा देता था। ग्रामीणों ने भूसे के ढेर से कुछ गायों को बाहर निकाला, सभी की सांसें चल रही थीं। इस गोरख धंधे के खुलासे के बाद कृषि मंत्री ने राज्यभर की गोशालाओं की 72 घंटे के भीतर जांच रिपोर्ट मांगी है। उधर, भाजपा ने हरीश को पार्टी से निलंबित कर दिया है।
गोसेवा आयोग के अध्यक्ष अनुदान के बदले पैसे मांगते हैं: हरीश
गोशाला संचालक हरीश वर्मा ने शनिवार को दुर्ग कोर्ट में पेश होने से पहले मीडिया से बात की। हरीश ने कहा कि गोसेवा आयोग के अध्यक्ष विश्वेश्वर पटेल समेत समेत अन्य मेंबर अनुदान देने के बदले कमीशन मांगते थे। मैंने कमीशन नहीं दिया तो मेरा 10 लाख रुपए का अनुदान रोक दिया। मैं मुख्यमंत्री से लेकर अन्य मंत्री व अफसरों को पत्र लिखता रहा, लेकिन किसी ने ध्यान नहीं दिया। अगर सरकार मुझे समय पर अनुदान देती तो मवेशियों की मौत नहीं होती। हरीश ने कहा कि, राजपुर की गोशाला की दीवार 16 अगस्त की रात गिरी, इसके नीचे दबने से गायों की मौत हुई। इसके बाद मौतों का सिलसिला शुरू हुआ।
गायों के पेट में चारा तो दूर पानी तक नहीं मिला
पोस्टमार्टम करने वाले डाक्टरों का कहना है गायों के पेट में चारा तो दूर पानी तक नहीं मिला। शनिवार को डॉ. हेमंत कुमार, डाॅ. पुष्पराज और डाॅ. अजीत पैकरा ने पोस्टमार्टम किया। पशु चिकित्सा विभाग बेमेतरा के उप संचालक एके सिंह ने भी इसकी पुष्टि की है। डॉक्टरों के अनुसार एक-दो गाय के पेट से ही थोड़ी मात्रा में चारा मिला। इससे स्पष्ट है गायों की मौत बीमारी से ज्यादा भूख-प्यास से हुई है।
गायों की मौत के बाद कृषि एवं पशुपालन मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने दुर्ग जिले के उपसंचालक पशुपालन डॉ. एमके चावला, बेमेतरा के उपसंचालक पशुपालन डॉ. एके सिंह, धमधा क्षेत्र के डॉ. सत्यम मिश्रा, डॉ. भारतेश शर्मा, एवीएफओ एलएस सोरी, साजा क्षेत्र वीएएस डॉ. एमएन झा, डॉ. पुष्पराज खटकर, एवीएफओ केके ध्रुव और एलडी चंद्राकार को तत्काल प्रभाव से निलंबित करने के निर्देश दिए है।
गायों को दफनाने के लिए बना रखा था कब्रिस्तान
भास्कर टीम ने धमधा के राजपुर, बेमेतरा साजा के गोडमर्रा और रानो स्थित गोशाला की पड़ताल की। राजपुर के गोशाला के ठीक पीछे एक कब्रिस्तान-नुमा जगह मिली। यह करीब 500 मीटर में है। इसे सिर्फ और सिर्फ मरे हुए गायों को दफनाने के लिए बनाया गया है। 40 से अधिक गायों को दफना भी दिया है। इसके अलावा यहां पर 80 से अधिक 10-10 फीट के गहरे खुदे हुए गड्ढे मिले हैं। जिसे मवेशियों को शव को दफनाने के लिए खोदा गया है।
आरोपी के मुंह पर पोती कालिख
शनिवार को पुलिस ने गायों की मौत के मामले में आरोपी हरीश को कोर्ट में पेश किया। इस दौरान कोर्ट के बाहर पहले से खड़े युवा कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने उसके चेहरे पर कालिख पोत दी। 3 कार्यकर्ताओं को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया।
मानहानि का केस करूंगा
हरीश पर मानहानि का केस करूंगा। वर्मा को मैंने 16 अगस्त को गोशाला में अनियमितता का नोटिस जारी किया था। हरीश पूरे गांव के गोवंश को अपनी गोशालाओं में गिनाकर अनुदान लेता था।’’