जेएन मिश्रा के फॉम हाउस से मिले और 38 गाय के कंकाल

पूर्व सीएमओ डॉ. जेएन मिश्रा के बुबकापुर गांव स्थित फॉर्म हाउस पर गायों के लिए न तो समुचित रहने का इंतजामम था न ही उनके खाने का, लेकिन औषधियों के निर्माण की तमाम व्यवस्थाएं थीं। ऐसे में सीएमओ के गायों के देखभाल का दावा झूठा और दवाओं के काले कारोबार के आरोप सही साबित होते दिख रहे हैं। शनिवार को गायों को दफनाने का सच जानने के लिए पुलिस-प्रशासन और फरेंसिक टीमें जुटी रहीं। देर शाम तक 42 कब्रें खोदवाई गई, जिसमें 38 गोवंशीय अवशेष मिले हैं। आठ सदस्यीय पशु चिकित्सकों की टीम ने एसडीएम और अतिरिक्त मजिस्ट्रेट की निगरानी में पोस्टमॉर्टम किया। इसमें कुछ गायों के आंतों में भोजन न मिलने की बात सामने आई है। हालांकि अफसर विसरा रिपोर्ट आने के बाद ही मौत की सही स्थिति स्पष्ट होने की बात कह रहे हैं। स्वास्थ्य महकमे में तैनात एसीएमओ और पूर्व सीएमओ डॉ. जेएन मिश्रा के फखरपुर थाना अंतर्गत ग्राम बुबकापुर स्थित फॉर्म हाउस पर शुक्रवार को छापेमारी में 60 दफनाई गई गायो के अवशेष मिले थे। वहीं 50 जिंदा गाय-बछड़े बरामद किए गए थे।

लेना होता है लाइसेंस
आयुर्वेद चिकित्सा अधिकारी डॉ़ शैलेंद्र श्रीवास्तव और उनके सहयोगी डॉ़ अंतरिक्ष वैसवार ने भी शनिवार को फॉर्म हाउस का निरीक्षण किया। डॉ़ शैलेंद्र ने बताया कि भारी मात्रा में औषधियां मिली हैं, जिसका निर्माण वहां लबे अर्से से चल रहा था। लेकिन डॉ़ जेएन मिश्र ने विभाग से लाइसेंस नहीं लिया था। यहां यौनवर्धक, शुगर समेत तमाम जीवन रक्षक दवाएं बनाई जा रही थी, बाकायदा कैप्सूलिंग भी होती थी। सैंपल जुटाकर लखनऊ सीमैप भेजा जाएंगे।

इन रोगों की मिलीं औषधियां
फॉर्म हाउस पर शुगर, लिकोडिमा, पीलिया, दमा, सिस्ट, मासिक धर्म, यौन हीनता, एनीमिया, किडनी, पागलपन, त्वचा संबंधी रोग, ल्यूकोरिया समेत अन्य तमाम रोगों के उपचार के लिए दवाएं बनाईं जा रही थीं। इन औषधियों के निर्माण के लिए सेमल की जड़, कंटकारी फल, दशमूल, गोमूत्र, कासमर्क, गोधुर आदि वनस्पतियों का प्रयोग किया जा रहा था।
अक्टूबर में शुरू किया था काम

फॉर्म हाउस के पास स्थित मोटहिया गांव के जयंकर कहते हैं कि डॉ़ साहब ने पिछले साल अक्टूबर में गौशाला शुरू की थी, उस वक्त वह आठ बछिया लाए थे, लेकिन धीरे धीरे गांव वाले वहां गाय लाकर छोड़ते गए। डॉ़ साहब इसके बदले ग्रामीणों को एक किलो अरहर दाल और सौ रुपये देते थे। कंजकोन गांव के निजामुद्दीन ने बताया कि सुनने में आता था कि डॉ़ साहब गायों को ज्यादा से ज्यादा पेशाब करवाने के लिए इंजेक्शन देते थे।

आयुर्वेदिक और औषधि विभाग के साथ स्वास्थ्य महकमे की टीम जांच में लगी हुई है। पशु चिकित्सा विभाग की टीम भी शवों का पोस्टमार्टम कर रही है। पूरी रिपोर्ट मिलने के बाद कार्रवाई की जाएगी।

अजयदीप सिंह, डीएम, बहराइच
एसीएमओ डॉ़ जेएन मिश्र के फॉर्महाउस पर गायों के साथ निर्ममता का मामला उजागर हुआ है, जोकि निंदनीय है। अगर यह मामला विशेष समुदाय से जुड़ा होता तो अब तक प्रशासन बहुत बड़ी कार्रवाई कर देता, लेकिन बहराइच प्रशासन आरोपित डॉक्टर को बचाने में जुटा है। अब तक गिरफ्तारी तक नहीं हुई है।
-अतीक खान, वरिष्ठ प्रदेश उपाध्यक्ष, मुस्लिम लीग



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