तीस साल 06 शादीयां 18 तलाक, और कितनी आजादी चाहिए ?

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तीस साल
छः शादी
18 तलाक
वो क्या है कि मुसलमान औरतों को घर में कैद करके रखते हैं, उन्हें बुर्के में पैक करके रखते हैं, उन पर जुल्म करते हैं, और किसी भी वक्त तीन तलाक बोलकर पल्ला झाड़ लेते हैं। लेकिन उज्मा ने तो उन सारे दावों की पौल खोल दी जो भाजपा द्वारा किये जाते रहे हैं !
-Wasim Akram Tyagi

इतनी शादियां तो इंदिरानी मुखर्जी ने भी नही की थी,
इतने पति तो द्रोपदी के भी नही थे,और कितनी आज़ादी चाहिए ?
Waqi Rasheed 



‘पाकिस्तान मौत का कुआं है। वहां जाना आसान है लेकिन लौटना उतना ही मुश्किल। भारत की मुस्लिम महिलाएं सोचती हैं कि पाकिस्तान अच्छा देश है लेकिन मैं कहती हूं कि सतर्क रहना। वहां आदमी सुरक्षित नहीं है तो औरतें क्या होंगी।’ यह कहना है पाकिस्तान से भारत लौटीं उज़मा का – यह पाकिस्तानी युवक ताहिर की पत्नि उज्मा का बयान है। ताहिर की पत्नि इसलिये लिखा गया है क्योंकि ताहिर के मुताबिक उज्मा और उसकी शादी तो हुई लेकिन तलाक नही हो पाया। सवाल यह है कि पाकिस्तान मौत का कुआं है या जिंदगी का सब्जबाग यह तो वही तय करें जिन्हें पाकिस्तान रहना या वहीं जाकर बस जाना है। लेकिन उज्मा जो भारती मुस्लिम महिलाओं की ठेकेदार बनकप कह रही थी कि “भारत की मुस्लिम महिलाएं सोचती हैं कि पाकिस्तान अच्छा देश है” वह उन मुस्लिम महिलाओ का नाम बताये जिन्होंने उससे कहा था कि पाकिस्तान अच्छा देश है। क्या आपको यह गेम समझ नही आता ? एक ही मंच पर विदेश मंत्री सुष्मा स्वराज और उज्मा हैं, सुष्मा कहती हैं कि पाकिस्तान की न्यायपालिका का शुक्रिया कि उसने बगैर किसी भेदभाव के बहुत जल्द इंसाफ कर दिया, जस्टिस कयानी का शुक्रिया अदा करती हैं, पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय, गृह मंत्रालय की जमकर तारीफ करती हैं। लेकिन उसी मंच पर बैठी उज्मा उसी पाकिस्तान को मौत का कुआं करार देती है जिसकी तारीफों के पुल विदेश मंत्री बांध रही थीं। पाकिस्तान मौत का कुआं न होकर मौत का पहाड़ हो।


लेकिन उज्मा भारतीय मुस्लिम महिलाओं की प्रवक्ता कबसे बन गई ? वह होश संभालते ही हॉबी की तरह शादियां करने लगी, मलेशिया, नीदरलेंड, इंडिया कुल मिलाकर छ शादियां करने वाली उज्मा भारतीय मुस्लिम महिलाओं की प्रवक्ता बनकर जब कहती है कि “भारत की मुस्लिम महिलाएं सोचती हैं कि पाकिस्तान अच्छा देश है” तो फिर उसकी निष्ठा पर सवाल उठता है, बॉय चांस भारत और पाकिस्तान के लोग आपस में रिश्तेदारी करते रहते हैं इसमें हिन्दू भी शामिल हैं, और मुसलमान भी, सिख भी ईसाई भी। लेकिन निश्चित तौर पर ये परिवार यह सोचकर शादी नही करते कि पाकिस्तान मौत का कुआं है या बहुत अच्छा देश है बल्कि वे जिस परिवार खानदान में रिश्तेदारी जोड़ते हैं वह उन्हें जचता है। तीस साल में छ पति बदलने वाली उज्मा भारतीय मुस्लिम महिलाओं की प्रवक्ता न बने उसे प्रवक्ता बनने का शौक है तो भाजपा की प्रवक्ता बन जाये, हो सकता है कि यहां उसकी महत्वकांक्षाऐँ भी पूरी हो जायें। लेकिन वह अपनी आप बीती को दूसरो पर न थोपे।




Wasim Akram Tyagi (यह लेखक के निजी विचार है, सोशल डायरी का कोई सरोकार नहीं)

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CITY TIMES

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