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रजब तईब इरदुगान: बर्मा
बर्मा में कई साल से मुसलमानों पर हैवानियत का कहर बरप रहा है. बर्मा के मुसलमानों के समर्थन में सबसे पहले रजब तईब इरदुगान खड़े हुए उन्होंने म्यानमार के मुस्लिमो की हर तरह से मदत की और हाल ही में यह ऐलान किया के बंगलादेश उनके लिए अपनी सरहद खोल दे जो म्यांमार से आये हुए शरणार्थी है उसका सारा खर्च हम उठाएंगे. गौरतलब है की यह ऐलान इस्लामिक तरीके का ऐलान है. रजब तईब इरदुगान ने बांग्लादेश से सिर्फ मुसलमानों को ही पनाह देने की बात नहीं की बल्कि वहां से पलायन कर रहे हिन्दुओं को भी पनाह देने की अपील की है. इससे पहले रजब तईब इरदुगान की अहलिया ने कईमुसलमानों की मदत के लिए खुद म्यानमार पहुंची थी. isi तरह सीरिया के मुसलमानों के लिए भी सबसे पहले मदत करने वाले रजब तईब इरदुगान ही है.
रजब तईब इरदुगान: गाज़ा(हमास
हमास के चीफ खालिद मशल ने एक आवामी मजलिस में खुल कर ये कहा था कि मैं यहाँ इस्लामी दुनिया के तमाम रहनुमाओ को पुकारता हूँ कि वो फ़लस्तीन की हिमायत में आगे आये और फिर उसने कहा था कि इस्लामी दुनिया की तमाम अवाम को चाहिए की वो अपन रहबर रजब तईब इरदुगान जैसा मुन्तखिब करे।
○जब तुर्क़ी में तख्ता पलट की कोशिस नाकाम हुई थी तो सबसे ज्यादा जश्न फ़लस्तीन में मनाया गया था।
हमास के चीफ खालिद मशल ने एक आवामी मजलिस में खुल कर ये कहा था कि मैं यहाँ इस्लामी दुनिया के तमाम रहनुमाओ को पुकारता हूँ कि वो फ़लस्तीन की हिमायत में आगे आये और फिर उसने कहा था कि इस्लामी दुनिया की तमाम अवाम को चाहिए की वो अपन रहबर रजब तईब इरदुगान जैसा मुन्तखिब करे।
○जब तुर्क़ी में तख्ता पलट की कोशिस नाकाम हुई थी तो सबसे ज्यादा जश्न फ़लस्तीन में मनाया गया था।
रजब तईब इरदुगान: सीरिया
सीरिया में लगभग 6 लाख से ज़्यादा लोग मारे जा चुके है। 2016 में इक आंकड़े के मुताबिक तुर्की में लगभग 30 लाख सीरियाई शरणार्थी थे। सीरिया में पिछले 6 सालों दे गृहयुद्ध चल रहा है। सीरियाई राष्ट्रपति बशर अल-असद को रूस का समर्थन हासिल है जिसकी वजह से कोई भी भी अल-असद के खिलाफ कदम नही उठाता। अभी हाल ही में रूस ने अल-असद के साथ मिलकर सीरिया ही में केमिकल हमले किये जिससे बेकसूर मुसलमानों को जानें गयी।
सीरिया में लगभग 6 लाख से ज़्यादा लोग मारे जा चुके है। 2016 में इक आंकड़े के मुताबिक तुर्की में लगभग 30 लाख सीरियाई शरणार्थी थे। सीरिया में पिछले 6 सालों दे गृहयुद्ध चल रहा है। सीरियाई राष्ट्रपति बशर अल-असद को रूस का समर्थन हासिल है जिसकी वजह से कोई भी भी अल-असद के खिलाफ कदम नही उठाता। अभी हाल ही में रूस ने अल-असद के साथ मिलकर सीरिया ही में केमिकल हमले किये जिससे बेकसूर मुसलमानों को जानें गयी।
इस हमले के बाद तुर्की आगे आया और उसने तुर्की के 20 लाख शामी शरणार्थियों को तुर्की में बसाने का वायदा किया। इससे पहले भी जब जिस्म को बर्फ सा पत्थर कर देने वाली सर्दी में शैतान बशर अल असद और उसकी मददगार दज्जाली ताकतों ने हल्ब को निशाना बनाई था तब सारी दुनिया सोई हुई थी। उस वक्त तुर्की की जिंदादिल कौम सड़कों पर उतरी और भारी मात्रा में राहत सामग्री सीरिया भिजवाई।
○☆अल बत़्ल रजब तईब इरदुगान☆○
इस्रायल को मुंह तोड़ जवाब देने और अमेरिका रूस से न डरने वाले इस मर्द ए मुजाहिद को अरब जगत में―अल बत़्ल―का ख़िताब दिया गया जिसके मायने है―नायक। और आज दुनियाभर के इन्साफ पसंद लोगो की पहली पसंदबनेहुएहै रजब तईब इरदुगान को सलाम……
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