11 मार्च को आए उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के नतीजों में भारतीय जनता पार्टी को उम्मीद से ज्यादा सीटे मिली। 402 विधानसभा वाले प्रदेश में 325 विधायकों की संख्या अकेले भाजपा को मिली। प्रचंड बहुमत जनता ने भाजपा को दिया।
लेकिन 18 मार्च तक आते-आते प्रदेशवासियों की उम्मीद औऱ चुने गए विधायकों की उम्मीदें तार-तार होती दिखने लगी। क्योंकि 18 मार्च यानि को भाजपा संसदीय दल की बैठक में प्रदेश के मुखिया के तौर पर तीन नामों पर मुहर लगाई गयी थी. पहला नाम मुख्यमंत्री का जो गोरखपुर के सांसद फायरब्रांड नेता योगी आदित्यनाथ का रखा गया। योगी आदित्यनाथ लोकसभा सांसद है औऱ लगातार पांचवी बार जीतकर लोकसभा पहुंचे है।
दूसरा नाम उपमुख्यमंत्री के तौर पेश किया गया था। नाम है केशव प्रसाद मौर्य जो खुद फूलपूर लोकसभा से सांसद है। इसके अलावा भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष भी है। तीसरा नाम दिनेश शर्मा का रखा गया। जो लनखऊ के मेयर है। प्रदेश सरकार के तीन उच्च पदों पर भाजपा को 325 विधायकों में एक भी चेहरा नही मिला। दो सांसद औऱ एक मेयर चुने गए। आज यूपी के मुख्यमंत्री के तौर पर योगी आदित्यनाथ और केशव प्रसाद मौर्य व दिनेश शर्मा ने उपमुख्यमंत्री तौर पर शपथ ली. (बोलता हिन्दुस्थान से)
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