Loading…
विशेष संवाददाता -नांदेड, नगर निगम चुनावों की सरगर्मियों ने तुल पकड़ा, कांग्रेस के राहुल गाँधी, सपा के अबू असीम आजमी के बाद आज असदुद्दीन ओविसी का दौरा हुआ और खबर है की बीजेपी प्रचार के लिए यूपी के मुख्यमंत्री योगी की सभा भी होगी. नांदेड नगर निगम चुनाव पुरे महाराष्ट्र में इसलिए महत्वपूर्ण माना जाता है की, यहाँ कई वर्षो से जिनकी सत्ता है वह कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष अशोक चव्हान का गढ़ है. लेकिन इस बार जमीनी हालात पर बात करे तो पता चलता है की कांग्रेस का भी पॉवर ख़त्म होता नजर आ रहा है. और यही वजह है इस बार बड़े लीडर नांदेड दौरे पर है.
नगर निगम चुनाव के प्रचार के लिए AIMIM के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी की आज 29 सितम्बर को जनसभा हुई, जिसमे लाखो लोगो ने भाग लिया. मानो जनसैलाब आया हो. बस उसी तरह का जिस तरह से महाराष्ट्र में राज ठाकरे की सभाओं में आता है. लेकिन उन्हें वोट कोई नहीं देता. असदुद्दीन ओवैसी मुसलमानों के लिए एक ही ऐसे नेता है जो मुसलमानों के लिए हर वक्त आवाज उठाते रहते है. हर वक्त मुसलमानों की फ़िक्र मेराहते है इसमें कोई शक नहीं लेकिन कुछ इलाको में ओवैसी की मजबूती सिर्फ इसलिए नहीं मिल रही क्यूंकि स्थानीय नेताओं पर से जनता का विशवास उठ गया है. ऐसा ही हाल नांदेड का है. कौम के हमदर्द ओवैसी ने जनसभा को संबोधित करते हुए बहुत कुछ कहा, इससे पहले भी कहे. लेकिन पिछले नगर निगम चुनाव में महाराष्ट्र में 11 सीटो से AIMIM का खाता खुला था यह वही नांदेड है. और यहीं से AIMIM का सफलता का सफ़र शुरू हुआ. लेकिन जैसे जैसे दिन बिताते गए AIMIM नांदेड के नेताओं पर से जनता का विशवास टूटता गया. और इस विशवास को आधा दर्जन से ज्यादा AIMIM के नगरसेवको ने कांग्रेस का दामन थाम कर और मजबूत कर दिया. आज सभा के बाद आम नागरिको में चर्चा आम थी के ओवैसी को देखकर वोट देने से हमारे वार्ड का विकास नहीं होने वाला. हमारे स्थानीय लीडर ही कांग्रेस की गोद में जाकर बैठ जाते है. ऐसे ही AIMIM के नाम से वोट लेकर आधे दर्जन लीडर कांग्रेस की गोद में जाकर बैठ गए.
इस बार AIMIMने 32 उमीदवार चुनावी मैदान में उतारे है. विश्वसनीय सूत्रों के अनुसारदर्जनभर कांग्रेस के गोदी में जल्द ही जाने वाले है. इस बार कांग्रेस के लिए नांदेड नगर निगम चुनाव एक चुनौती से कम नहीं. हो सकता है इसमें कोई मिलीभगत या और कोई रणनीति हो. लेकिन एक बात तो तय है की किसी भी के पक्ष की सत्ता नगरपालिका पर आना लगभग ना के बराबर है. ऐसे में AIMIM का पिछ्ला विकास देखा जाए तो कोई उम्मीद नहीं की जा सकती है. कुछ सीटो पर समाजवादी पार्टी ने भी अपने उमीदवार खड़े किये है. बड़ी पार्टियों में राष्ट्रवादी कांग्रेस, शिवसेना, बीजेपी, सपा और बसपा ने भी अपनी ताकत अजमाने के लिए उमीदवार खड़े किये है. अब इन सब के सामने कांग्रेस की ताकत पर कोई असर होगा या नहीं यह वक्त ही बताएगा. तो चलिए 11 अक्तूबर का इन्तेजार करते है.
loading…
CITY TIMES