चुनाव आयोग ने यह कहकर सबको हैरान कर दिया कि महाराष्ट्र शहरी निकाय चुनाव में इस्तेमाल की गई ईवीएम मशीन उनकी नहीं है। आयोग ने स्पष्ट करते हुए कहा है कि ‘नगरी निकाय चुनाव में जिन मशीनों का इस्तेमाल महाराष्ट्र चुनाव आयोग ने किया, उनका संबंध राष्ट्रीय चुनाव आयोग से नहीं था।’
चुनाव आयोग के इस स्पष्टीकरण के बाद राजनीतिक खेमे में खलबली मच गई है। क्योंकि ईवीएम से जुड़ा मुद्दा इस समय अतिसंवेदनशील है। ऐसे ही ईवीएम शक के दायरे में है और जिम्मेदारियों से भागने का या नया खेल और भी ज्यादा शक पैदा करता है।
पांच राज्यों में हुए विधानसभा चुनाव के बाद से मायावती और केजरीवाल समेत तमाम विपक्षी नेता ईवीएम पर सवाल उठा रहे हैं। दिल्ली विधानसभा में तो ईवीएम की प्रतिलिपि को हैक करके दिखा भी दिया गया।
जिससे ईवीएम की कार्यप्रणाली शक के दायरे में है। ऐसे में अगर यह खबर आती है कि किसी राज्य के शहरी निकाय चुनाव में इस्तेमाल की गई मशीनों से राष्ट्रीय चुनाव आयोग अनभिज्ञ है ,तो संदेह और भी बढ़ जाता है।
(बोलता हिंदुस्तान से साभार)
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