पीएम मोदी के लिए खतरा बन सकते हैं योगी, इसलिए उठाया यह कदम
लखनऊ। उत्तर प्रदेश में मिले प्रचंड बहुमत के बाद पीएम मोदी ने बड़ा जोखिम लेते हुए कट्टर हिन्दूवादी छवि के नेता योगी आदित्यनाथ को यूपी का मुख्यमंत्री बना दिया है। पीएम मोदी के लिए यह बड़ा जोखिम इसलिए भी है क्योंकि योगी आदित्यनाथ अब तक भाजपा की तरफ से गोरखपुर और पूर्वांचल में बड़े नेता माने जाते रहे हैं।
जब शनिवार 18 मार्च को ये साफ हुआ कि भाजपा सांसद योगी आदित्यनाथ यूपी के सीएम बनेंगे तो ये बहस चल पड़ी कि उनका चयन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मर्जी से हुआ है या बिना मर्जी से? इस सवाल से जुड़ी तमाम अटकलबाजियों के बीच अब ये रिपोर्ट आने लगी है कि पीएम मोदी ने योगी आदित्यनाथ पर सीधी नजर रखने के लिए अपने एक खास नौकरशाह को नियुक्त किया है।
इस नौकरशाह का काम प्रधानमंत्री कार्यालय और आदित्यनाथ सरकार के बीच समन्वय बनाना है या यह कह लीजिए कि योगी आदित्यनाथ पर नजर रखना है। ये नौकरशाह कोई और नहीं बल्कि प्रधानमंत्री मोदी के प्रमुख सचिव नृपेंद्र मिश्रा हैं। जब साल 2014 में नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री बने थे तो उन्होंने यूपी कैडर के आईएएस नृपेंद्र मिश्रा को केंद्र में बुलाया था।
इंडिया टुडे की रिपोर्ट के अनुसार नृपेंद्र मिश्रा पीएम मोदी और सीएम आदित्यनाथ के बीच संपर्क सेतु होंगे। माना जा रहा है कि उत्तर प्रदेश प्रशासन में सभी प्रमुख नियुक्तियां मिश्रा से चर्चा करने के बाद ही होंगी।
जाहिर है कि मुख्यमंत्री बनते ही आज के राजनीतिक परिदृश्य में आदित्यनाथ का कद अब उत्तर प्रदेश में सबसे बड़े भाजपा नेता के रूप में बन चुका है। केन्द्रीय स्तर पर इतना बड़ा कद सिर्फ प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का है। नृपेन्द्र मिश्र को यूपी के विकास योजनाओं पर सीधी नजर रखने का निर्देश देने के बाद पीएम मोदी को न केवल केन्द्र-राज्य समन्वय कायम रहेगा बल्कि वह यूपी की हर योजना पर सीधे नजर रख सकेंगे।
CITY TIMES