पुलिस छुपा रही उन गांवों का नाम जहां हो सकते हैं जुनैद के हत्यारे

मथुरा-गाजियाबाद ईएमयू ट्रेन में 22 जून को खंदावली गांव के जुनैद की चाकुओं से गोदकर की गई हत्या के मामले में जहां अभी भी रेलवे पुलिस के आरोपियों की गिरफ्तारी के मामले में हाथ खाली है, वहीं इस मामले में मुख्यमंत्री ने हस्तक्षेप कर रेलवे पुलिस के अधिकारियों को आरोपियों की जल्द शिनाख्त कर गिरफ्तार करने के आदेश दिए हैं। इसके बाद रेलवे पुलिस ने जांच तेजी से शुरू कर दी है। इस मामले ने अब राजनीतिक रंग लेना भी शुरू कर दिया है। विपक्षी दलों के नेताओं ने भी रेलवे पुलिस की कार्यशैली पर प्रश्न चिन्ह लगाने शुरू कर दिए हैं। विपक्षी नेताओं का कहना है कि जीआरपी व रेलवे पुलिस केवल खानापूर्ति करने में लगी हुई है।

अभी तक आरोपियों की शिनाख्त तक नहीं की गई है। वहीं सोमवार को कई अधिकारियों ने रेलवे स्टेशन का दौरा किया और यहां चौकी स्थापित करने की प्रक्रिया शुरू करने के आदेश दिए गए। जुनैद हत्या के मामले में मुख्यमंत्री के हस्तक्षेप करने व आरोपियों की गिरफ्तारी शीघ्र करने के दिए गए आदेशों के बाद सोमवार को ही आरपीएफ के पुलिस महानिरीक्षक संजय किशोर, चीफ कमांडेंट शशि कुमार, पुलिस अधीक्षक कमलदीप गोयल और डीएसपी महेंद्र कुमार ने असावटी रेलवे स्टेशन का दौरा किया।

 
 

 
स्टेशन पर जैसे ही पुलिस महानिरीक्षक व चीफ कमांडेंट पहुंचे तो वहां मौजूद पुलिस कर्मियों में अफरा-तफरी सी मच गई। स्टेशन पर ट्रेन से आईजी के नीचे उतरते ही पुलिस अधिकारी व कर्मचारी उनके आगे-पीछे घूमने लगे तथा उनके द्वारा किए जाने वाले सवालों का तुरंत जवाब देने में लगे रहे।

आईजी संजय किशोर ने पुलिस अधिकारियों को इस मामले को गंभीरता से लेकर आरोपियों की शीघ्र गिरफ्तारी करने के आदेश दिए। उन्होंने पुलिस अधीक्षक को फरीदाबाद से पलवल के बीच ट्रेनों में सुरक्षा व्यवस्था को सख्त करने और रात के समय आने वाली ट्रेनों में सभी डिब्बों में चेकिंग करने के आदेश दिए।

स्टेशनों पर भी सुरक्षा व्यवस्था को दुरुस्त बनाने के आदेश दिए। आईजी ने पुलिस अधीक्षक को आदेश दिए कि तुरंत असावटी स्टेशन पर पुलिस चौकी बनवाने के लिए प्रस्ताव भेजा जाए, ताकि उस पर गौर करते हुए यहां पुलिस चौकी स्थापित की जा सके।

 
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