पर 50 के बाद का प्यार लाजवाब होता है, जिस मे जिस्म की नहीं बल्कि खुबसुरत साथ की चाहत होती है, अगर मन की भावनाओं को समझने वाला मिल जाए तो तन का पवित्र मिलन भी हो सकता है, जो कि जीवन में रह गए अधूरेपन को पूरा करने के लिए जरूरी है
पर ये वासना नहीं
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