Category
Most Popular
-
Gramiyaa Wood Cold Pressed Black Sesame Oil (Gingelly Oil) - 2 Ltr
₹1,380.00Original price was: ₹1,380.00.₹1,078.00Current price is: ₹1,078.00. -
Kitchen Jungle Dried Dry Sweet Amla Candy 900 gm Jar Pack Indian Gooseberry 31.7 OZ
₹899.00Original price was: ₹899.00.₹299.00Current price is: ₹299.00. -
Soft & Sweet Dried Amla | Natural Herbal Gooseberry Candy | Rich in Vitamin C | Healthy Digestive Snack (100g)
₹999.00Original price was: ₹999.00.₹349.00Current price is: ₹349.00. -
Organic Prime Orange Fruits Powder | Dry, No Added Sugars and Preservatives - 500 GM By Organic Prime
₹1,006.00Original price was: ₹1,006.00.₹590.00Current price is: ₹590.00. -
Pramix Acacia Edible Gum | Babool Gond for Ladoo | Kikar, Dink,Gum Arabic, 900g (100% Natural Tragacanth Crystals)
₹599.00Original price was: ₹599.00.₹499.00Current price is: ₹499.00.
मेरा काम है ग्रंथ तैयार करना। इसे लागू करना उन लोगों के हाथ में है जो व्यवस्था में शामिल हैं। फिर भी मेरा मानना है कि इसे स्कूली पाठ्यक्रम में शामिल करना चाहिए, ताकी बच्चे समझ सकें कि उनकी जीवन शैली कैसी होना चाहिए।
फिर लिखी जाएगी ‘मनुस्मृति’, पांच साल में आएगी सामने यह खबर नई दुनिया डॉट कॉम ने 23 मार्च 2015 को प्रकाशित की.
फिर लिखी जाएगी ‘मनुस्मृति’, पांच साल में आएगी सामने यह खबर नई दुनिया डॉट कॉम ने 23 मार्च 2015 को प्रकाशित की.
कुलदीप भावसार, इंदौर। पांच हजार साल पहले मनु द्वारा बताए गए समाज को चलाने के कायदे-कानून एक बार फिर लिखने की तैयारी है। पांच साल के भीतर नया स्मृति ग्रंथ सामने आ जाएगा। इस ग्रंथ को लिखने में जुटे कीर्तनकार डॉ. शंकर अभ्यंकर की शंकराचार्यों और संघ प्रमुख मोहन भागवत सहित अन्य पदाधिकारियों से लंबी चर्चा के बाद खाका तैयार हो चुका है।
श्री अभ्यंकर ने ‘नईदुनिया’ को बताया कि इसकी अंतिम रूपरेखा तैयार की जा रही है। पांचों पीठ के शंकराचार्य और कई विद्वान जल्दी ही एक फिर बैठेंगे और इस पर सुझाव देंगे, जिसके बाद गाइडलाइन तय होगी।
प्रधानमंत्री से लेकर सफाईकर्मी तक का तय होगा काम और कायदा
उन्होंने बताया कि मनु स्मृति में हर व्यक्ति और वर्ग का कर्म और कायदा तय है। बदलती परिस्थितियों के हिसाब से इसमें बहुत परिवर्तन आ गए हैं। नया स्मृति ग्रंथ जीवन जीने की राह दिखाएगा।
आसान शब्दों में समझें तो इसमें प्रधानमंत्री से लेकर सफाईकर्मी तक के काम और काम के कायदे तय होंगे। इसमें बताया जाएगा कि उसे क्या करना चाहिए और क्या नहीं। आम व्यक्ति भी इसे पढ़कर अपने अधिकार और कर्तव्यों के दायरे को समझ सकेगा।
हर 100 साल में आना चाहिए नया स्मृति ग्रंथ
उन्होंने कहा कि हर दो-तीन पीढ़ी के बाद परिस्थितियां बदल जाती हैं। इस हिसाब से हर 100 साल में नई व्यवस्था के मुताबिक नए स्मृति ग्रंथ लिखे जाना चाहिए। मनु स्मृति लिखे जाने के बाद लगभग 250 स्मृति ग्रंथ लिखे जा चुके हैं, लेकिन पिछले 1500 सालों में इस बारे में कोई काम नहीं हुआ, क्योंकि इस दौरान भारत विदेशियों की गुलामी में रहा। इसमें कुषाण, मुगल, पुर्तगाल और अंग्रेजों का आक्रमण शामिल रहा।
धर्म ग्रंथ नहीं, जीवन शैली
-मनु स्मृति के पुनर्लेखन की जरूरत क्यों?
मनुस्मृति एक लॉ बुक की तरह है। जो मनुष्य को बताता है कि उसे क्या करना चाहिए और क्या नहीं, ताकि समाज निर्विवाद तरीके से मिलजुलकर आगे बढ़ सके। बीते 1500 साल में परिस्थितियां बदलीं, प्रोफेशन बदले, इसलिए जरूरी है कि कायदे फिर से तय किए जाएं।
-भारत का संविधान है, फिर इसे कैसे लागू करेंगे?
मेरा काम है ग्रंथ तैयार करना। इसे लागू करना उन लोगों के हाथ में है जो व्यवस्था में शामिल हैं। फिर भी मेरा मानना है कि इसे स्कूली पाठ्यक्रम में शामिल करना चाहिए, ताकी बच्चे समझ सकें कि उनकी जीवन शैली कैसी होना चाहिए।
-हमारे देश में हर धर्म और समाज के लोग हैं। क्या विरोध नहीं होगा?
मनुस्मृति का धर्म से कोई लेना-देना नहीं है। यह सिर्फ जीवन जीने की राह दिखाता है और दिखाता रहेगा। मनुस्मृति को लेकर कई
पुनर्लेखन की जरूरत इसलिए भी
-विज्ञान और ज्ञान के बीच समंजस्य में लगातार कमी आ रही है।
-साइंस और तकनीकों में बदलाव के बाद तनाव बढ़ा है, जो मानव निर्मित है।
-भारतीय कुटुंब व्यवस्था में तेजी से बदलाव हुआ है। पारिवारिक झगड़े बढ़े हैं।
-जीवन को लेकर युवाओं की सोच बदली है। उनके पास परिवार और समाज के लिए समय नहीं है।
-कृषि को लेकर उदासीनता का माहौल है। महानगरों में बढ़ती भीड़ और खाली होते गांव खतरे की ओर इशारा कर रहे हैं।
-राष्ट्रीय भावना खत्म हो रही है।
2694 श्लोक, 12 अध्याय
मनुस्मृति पहली बार 1813 ई. में कलकत्ता से प्रकाशित हुई। 2694 श्लोकों का यह ग्रंथ 12 अध्यायों में विभक्त है। अलग-अलग अध्यायों के विषय हैं-
-वर्णाश्रम धर्म की शिक्षा
– धर्म की परिभाषा
-ब्रह्मचर्य, विवाह के प्रकार आदि
-गृहस्थ जीवन
-खाद्य-अखाद्य विचार तथा जन्म-मरण, अशौच और शुद्धि
-वानप्रस्थ जीवन
-राजधर्म और दंड
-न्याय शासन
-पति-पत्नी के कर्त्तव्य
-चारों वर्णों के अधिकार और कर्त्तव्य
-दान-स्तुति, प्रायश्चित्त आदि
-कर्म पर विवेचन और ब्रह्म की प्राप्ति
<< अपनी प्रतिक्रिया जरुर दीजिये >>
-वर्णाश्रम धर्म की शिक्षा
– धर्म की परिभाषा
-ब्रह्मचर्य, विवाह के प्रकार आदि
-गृहस्थ जीवन
-खाद्य-अखाद्य विचार तथा जन्म-मरण, अशौच और शुद्धि
-वानप्रस्थ जीवन
-राजधर्म और दंड
-न्याय शासन
-पति-पत्नी के कर्त्तव्य
-चारों वर्णों के अधिकार और कर्त्तव्य
-दान-स्तुति, प्रायश्चित्त आदि
-कर्म पर विवेचन और ब्रह्म की प्राप्ति
<< अपनी प्रतिक्रिया जरुर दीजिये >>
loading…
CITY TIMES
Post Views: 89
Written by ancientworld2
Best offers
Join Risk Free
30 days refund
100% Safe
Secure Shopping
24x7 Support
Online 24 hours
Best Offers
Grab Now
Free Shiping
On all order over
Testimonials

Sabina
Duis aute irure dolor in reprehenderit in voluptate velit esse cillum dolore

Rex
Duis aute irure dolor in reprehenderit in voluptate velit esse cillum dolore
Leave a Reply