बज गए 12 : GST की भयावहता, आम और ख़ास बर्बादी की कगार पर

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 नई दिल्ली। आज रात 12 बजे सरकार वन नेशन, वन टैक्स के तहत जीएसटी लागू कर रही है। ऐसे में देश के हर कोने में जीएसटी को लेकर लोगों के मन में कई सवाल चल रहे है। एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री के भीतर भी हलचल मची हुई है। एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री में अब हर राज्य से एक जैसा कर वसूला जाएगा। जीएसटी काउंसिल ने यह दर 18 और 28 फीसदी तय की है।

जीएसटी के तहत अब तक सिनेमा की जो टिकट 100 रुपए या उससे कम की है, उस पर अब 18% टैक्स देना होगा। वहीं 100 रुपए से ऊपर की टिकट पर 28 प्रतिशत टैक्स होगा।

अब तक सिनेमा में मनोरंजन कर को तय करने का हक राज्यों को था। जैसे झारखंड में 110% तो वहीं उत्तप्रदेश में 60% के दर से टैक्स की वसूली की जाती थी। आंध्र प्रदेश में मनोरंजन कर 20% था। तो ऐसे में कुछ राज्यों में तो सिनेमा की टिकट महंगी होंगी जबकि उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों में जहां 45% की दर से कर लागू थी वहां उपभोक्‍ताओं को राहत मिलेगी।

रीजनल सिनेमा के लिए हर राज्य मनोरंजन कर में छूट देता है। जैसे महाराष्ट्र में बॉलीवुड की फिल्मों के लिए 45% टैक्स है तो वहीं महाराष्ट्र सरकार ने मराठी भाषा की फिल्मों के लिए मात्र 7% टैक्स लगाया है। 

जीएसटी की इस नई दर का दबाव दबाव सिंगल स्क्रीन सिनेमा हॉल पर ज्यादा पड़ेगा। प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ जैसे राज्यों ने अपने यहां रीजनल फिल्मों को कर मुक्त कर दिया है। ऐसे में यह 18% और 28% टैक्स दर रीजनल फिल्म मेकर्स के लिए मुसीबत का सबब बन जाएगा। हमारे देश में सिर्फ 9000 सिंगल स्क्रीन सिनेमाघर हैं जो कि भारत की आबादी को देखते हुए बहुत कम संख्या में हैं। जीएसटी इन्हें बंद होने पर मजबूर कर देगा।

बॉलीवुड और साउथ इंडियन फिल्मों के मशहूर एक्टर कमल हासन ने जीएसटी को रीजनल सिनेमा के लिए खतरनाक कहा है। उन्होंने वित्त मंत्री अरुण जेटली से गुजारिश करते हुए कहा कि सिनेमा टिकट पर जीएसटी की दर को 12 से 15 फीसदी ही रखा जाए। अगर ऐसा नहीं होता है तो फिल्म इंडस्ट्री को काफी नुकसान होगा। कमल हासन ने एक तरह से धमकी देते हुए कहा कि अगर जीएसटी की प्रस्तावित दर बरकरार रही तो उन्हें फिल्म इंडस्ट्री छोड़नी पड़ जाएगी।

अभिनेता कमल हासन ने कहा कि नोटबंदी काले धन को खत्म करने के लिए लागू की गई थी, लेकिन जीएसटी हमें दो कदम पीछे ही ले जाएगा। उन्होंने कहा, ‘हमें याद रखना चाहिए कि यह ईस्ट इंडिया कंपनी का दौर नहीं है।’ कमल हासन ने कहा कि हॉलिवुड, बॉलिवुड और क्षेत्रीय सिनेमा पर एक ही तरह से कर नहीं लगाया जा सकता। उन्होंने कहा, ‘उद्योगों में फिल्म टिकटों को आवश्यक सेवाओं की तरह तय नहीं किया जा सकता।’ (सोर्स नेशनलदस्तक)

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