पिस्टल और कारतूस भी बरामद-
बाबा के पास से बरामद हाथी दांत 17 एवं 18 सेन्टीमीटर लम्बे और 09 सेन्टीमीटर व्यास के हैं। उन्होंने बताया कि हाथी दांत के अलावा उनके कब्जे से एक पिस्टल, 17 कारतूस और एक स्कोर्पियो गाड़ी जिसमें वे प्रतिबन्धित आइवरी ले जा रहे थे। उन्होंने बताया कि पिछले कुछ पहले एजेन्सी मीटिंग के दौरान ऐसी सूचना प्राप्त हुयी थी कि प्रतापगढ़ में कुछ व्यक्ति आइवरी की तस्करी में लिप्त हैं।
पाठक ने बताया कि गिरोह के लोगों को पकडने के लिए एसटीएफ के अपर पुलिस अधीक्षक डा. अरविन्द चतुर्वेदी ने सम्बन्धित एजेन्सी वाइल्ड लाइफ एसओएस के सह संस्थापक कार्तिक सत्यनारायण से समन्वय करते हुए सूचना को विकसित किया जिसमें वाइल्ड लाइफ क्राइम कंट्रोल ब्यूरो के अधिकारियों के साथ मिलकर इन लोगों को पकड़ा जा सका।
इससे पहले मौनी बाबा का मोहन नामक हाथी पालने के मामले में वन विभाग से विवाद हुआ था। हाथी को बाग में बांधे जाने को लेकर वन रक्षक त्रिवेणी राज ने हाथी स्वामी मौनी बाबा भूपेंद्र मिश्र समेत तीन को नामजद करते हुए कई अन्य के विरुद्ध पशुक्रूरता के तहत मुकदमा दर्ज करने की तहरीर दी थी।
वन रक्षक ने कोतवाली में तहरीर देते हुए आरोप लगाया था पतुलकी निवासी भूपेंद्र मिश्र, सोमनाथ, सुनील मिश्र समेत अन्य लोगों ने प्रतिबंध के बावजूद बीमार हाथी का जुलूस निकालकर पशुक्रूरता की है। मोहम्मद गुलाम ने हाथी के कान में लगे इंजेक्शन चोरी कर लिए। उन्होंने हाथी को विभाग से छीन लेने का भी आरोप भी लगाया था।
अनशन पर बैठ गया था मौनी बाबा-
इस मामले को लेकर हाथी स्वामी मौनी बाबा भूपेंद्र मिश्र का आमरण अनशन पर बैठ गए थे। प्रशासन और स्थानीय निवासियों के हस्तक्षे के बाद अनशन तोड़ा था। ( नेशनल जनमत)