बिहार : राजनीती में नया मोड़, बिकाऊ मीडिया ने ‘शरद यादव’ की ख़बरें सेंसर कर रखी हैं.

 

SocialDiary

बिहार के जनादेश का सिर्फ अपहरण नहीं, बल्कि उसके साथ दुष्कर्म के बाद उसका कत्ल हुआ है। जो प्रयोग व साहस बिहार की जनता ने दिखाया था, उस भरोसे का खून हुआ है।

दिल्ली, देश के हर सामाजिक मुद्दे की लड़ाई में बढ़-चढ़ कर शामिल होने वाले और मंडल रिपोर्ट को लागू करवाने में अहम योगदान देने वाले JDU के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष व राज्यसभा सांसद शरद यादव ने नीतीश कुमार के ताजा फैसले के खिलाफ बिगुल फूंक दिया है, वहीं भाजपा के साथ गठबंधन करने का विरोध करने वाले शरद यादव ने भाजपा की तरफ से आए केंद्रीय मंत्री पद का प्रस्ताव ठुकरा दिया है और फैसला किया है कि वे सांप्रदायिक ताकतों के खिलाफ देशव्यापी मुहिम में शामिल होंगे।

शुक्रवार को शरद यादव ने कहा, हम सांप्रदायिक ताकतों के साथ नहीं जाएंगे, अब संग्राम होगा। उन्होंने कहा कि वे सांप्रदायिक ताकतों के साथ गठबंधन करने के नीतीश के फैसले के विरोध में थे। यादव के नजदीकी सूत्रों ने बताया कि गुरुवार रात वित्त मंत्री अरुण जेटली शरद यादव से मिले थे, उन्होंने शरद यादव से केंद्र में मंत्री पद को लेकर चर्चा की, लेकिन शरद यादव ने कहा कि केंद्र में मंत्री बनने में मेरी कोई दिलचस्पी नहीं है।

सूत्रों का कहना है कि शरद यादव बिहार में और राष्ट्रीय स्तर पर भाजपा का विरोध करते रहेंगे, अपने इस फैसले पर वे एक दो दिन में औपचारिक बयान भी जारी कर सकते हैं। नीतीश कुमार के इस फैसले को लेकर उनकी पार्टी के अंदर ही विरोध और बगावत के सुर सुनाई दे रहे हैं, इस विरोध का मुख्य चेहरा शरद यादव ही हैं और उनके साथ अली अनवर सरीखे पार्टी के कई वरिष्ठ नेता भी शामिल हैं और उन्होंने कहा कि समय आने पर अब संग्राम होगा।

शुक्रवार को नीतीश कुमार विधानसभा में बहुमत सिद्ध करने में जरूर कामयाब रहे, 131 विधायकों ने पक्ष में वोट किया, जबकि 108 ने उनके खिलाफ वोट किया। जदयू के 71 विधायक हैं, जबकि एनडीए के 58 विधायक हैं, नीतीश को दो निर्दलीय विधायकों का भी समर्थन मिला है।

नीतीश के खिलाफ वोट करने वालों में राजद के 80 विधायक, कांग्रेस के 27, भाकपा (माले) के तीन और एक निर्दलीय विधायक हैं। शरद यादव का राज्यसभा का कार्यकाल जुलाई के अंत में खत्म हो रहा है, जदयू की ओर से उन्हें अगले कार्यकाल के लिए नामित किया गया है। अब देखना यह है कि बगावत पर उतरे शरद के लिए जदयू के विधायक वोट करेंगे या नहीं।

भाजपा के साथ मिलकर सरकार बनाने से नाराज शरद यादव गुरुवार को नीतीश के शपथ ग्रहण समारोह में भी नहीं गए थे, लेकिन उन्होंने अभी तक मीडिया में सार्वजनिक रूप से इस नये गठबंधन को लेकर कोई बयान भी नहीं दिया है। राहुल गांधी से मुलाकात और लालू यादव से बात करके उन्होंने यह जरूर जाहिर किया कि वे नीतीश के फैसले से नाखुश हैं।

loading…

CITY TIMES

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Cart

Your Cart is Empty

Back To Shop