शिवसेना ने पार्टी के मुखपत्र ‘सामना’ और ‘दोपहर का सामना’ में लिखे संपादकीय में कहा, “आज, देश ऐसे नीच लोगों से सबसे बड़े खतरे का सामना कर रहा है..ये जो ‘मोदी-मोदी’ चिल्लाने वाले ढीठ लोग हैं, वास्तव में प्रधानमंत्री की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचा रहे हैं।”
बृहनमुंबई नगर निगम (बीएमसी) में दो दिन पहले भाजपा के पार्षदों ने ‘मोदी-मोदी’ के नारे लगाए थे और शिवसेना के पार्षदों ने जवाब में ‘चोर है-चोर है’ का नारा लगाया था। इस घटना का उल्लेख करते हुए संपादकीय में लिखा गया कि जिन्होंने (भाजपा ने) सेना के शेरों को चुनौती दी, उन्हें ‘कान के नीचे’ खींचकर जवाब दिया गया।
संपादकीय में कहा गया है, “यह धन (जीएसटी लागू होने के बाद चुंगी न मिलने से होने वाले नुकसान की भरपाई के लिए मिला धन) महाराष्ट्र सरकार द्वारा मुंबई शहर को दिया गया था। लेकिन इन (भाजपा के) ‘शहर के बापों’ ने ऐसे जताया कि जैसे यह पैसा उनकी जेब से आ रहा हो।”