भारतीय जनता पार्टी के सबसे विवादित चेहरे योगी आदित्यनाथ का विवादों से पुराना नाता रहा है। अब एक और नया विवाद सामने आया है।
दरअसल 2007 में हुए अजमेर दरगाह ब्लास्ट मामले से जुड़े एक संदिग्ध ने चौंकाने वाला खुलासा किया है। ब्लास्ट मामले में बीते बुधवार को देवेंद्र गुप्ता और भावेश पटेल को आजीवन कारावास की सजा मिली। सजा तय करने से पहले NIA कोर्ट ने 8 मार्च 2017 को तीन आरोपियों को दोषी करार दिया था।
इनमें सुनील जोशी(2007 में मृत), भावेश और देवेंद्र गुप्ता को दोषी करार दिया गया। वहीं इस मामले से जुड़े एक संदिग्ध भरत मोहनलाल रतेश्वर के दावे का खुलासा हुआ है। रतेश्वर ने एनआईए को अपने स्टेटमेंट में बताया था कि ब्लास्ट मामले के दोषी सुनील जोशी, जिसकी 2007 में मध्य प्रदेश में हत्या हो गई थी, उसकी उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ मुलाकात हुई थी।
भरत मोहनलाल रतेश्वर के मुताबिक वह और सुनील जोशी एक आश्रम के गेस्ट हाउस में रूके थे, तकरीबन रात 9 बजे हम योगी से मिलने आश्रम के हॉल में गए। मोहन लाल के अनुसार वह थोड़ी दूर खड़ा रहा जोशी योगी के करीब बैठ गया और वह दोनों धीमी आवाज में कुछ बात करने लगे।
आपको बता दें कि 2007 में अजमेर दरगाह में बन ब्लास्ट हुआ था जिसमें संघ से जुड़े लोगों का नाम सामने आया था।
( Boltahindustanसे सभार)
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